भाजपा के दो विधायकों ने उपवास में खाया चिप्स–सैंडविच, कांग्रेसियों ने इसे बताया उपहास
पुणे। भारतीय जनता पार्टी ने 12 अप्रैल को देशभर में संसद की कार्यवाही को लगातार बाधित करने के लिए विपक्ष के खिलाफ उपवास रखा था। हालांकि इस दौरान कई सांसद और विधायक खुद को अपनी पेट पूजा करने से नहीं रोक पाए।
महाराष्ट्र में भाजपा के दो विधायक उपवास के दौरान सैंडविच और चिप्स खाते देखे गए। बता दें कि देशभर के भाजपा कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उपवास कर रहे थे।
गौरतलब है कि 9 अप्रैल को कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ उपवास रखा था। हालांकि इस दौरान कांग्रेस के भी कई नेता दिल्ली में छोले–भटूरे खाते देखे गए थे। इनकी तस्वीरें भी खूब वायरल हुई थीं।
ताजा मामले में भाजपा के दो विधायक भीमराव तपकिर और संजय भेगाड़े का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वो अन्न और नागरी आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट की ओर से बुलाई गई एक आधिकारिक मीटिंग में खाते हुए दिखे थे।
वीडियो क्लिप में दोनों सैंडविच और चिप्स खाते नजर आए। वीडियो वायरल होने के बाद इसे टीवी चैनलों पर भी प्रसारित किया गया। घटनाक्रम से भाजपा की राज्य इकाई के नेता खुद शर्मसार हो गए और उन्होंने इस मामले में चुप्पी साधने में ही भलाई समझी। एक बयान में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि पुणे में, भाजपा नेताओं को उपवास के बीच में स्नैक्स का आनंद लेते देख … ‘फास्ट’ शुरू करने से पहले और इसे पूरा करने से पहले स्नैक्स देने की विस्तार से व्यवस्था की गई थी। यह ‘उपवास’ सिर्फ एक उपहास था।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत भाजपा नेता बेतुका नाटक कर रहे हैं। संसद के नहीं चलने के लिए उपवास करना महज बहाना है।
उन्होंने मोदी सरकार पर संसद को बदनाम करने का आरोप लगाया और कहा कि जब भाजपा मई 2014 तक विपक्ष में थी तब वह भी संसद के काम-काज में बाधा डालती थी। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा को लोकतंत्र का अनादर करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा, भाजपा ने अपने छिपे हुए सहयोगियों के माध्यम से शोरगुल व हंगामा करवाकर संसद के काम-काम में बाधा डाली और जान बूझकर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाने दिया।
भाजपा ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान पांच मार्च से लेकर छह अप्रैल तक संसदीय कामकाज बाधित रहने के लिए कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों को दोषी ठहराया है।