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अगले 5 साल में 48,000 करोड़ होगा एक्सप्रेस इंडस्ट्री का कारोबार : ईआईसीआई

नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)| भारत में लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में तेजी से प्रसार के बीच एक्सप्रेस इंडस्ट्री काउंसिल ऑफ इंडिया (ईआईसीआई)और पेशेवर कंपनी डेलोइट ने अगले पांच साल में देश में एक्सप्रेस उद्योग का कारोबार 17 फीसदी की दर से बढ़कर 48,000 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद जताई है।

भारतीय एक्सप्रेस उद्योग पर ईआईसीआई व डेलोइट द्वारा गुरुवार को पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच साल में इस उद्योग में 15 फीसदी की सतत सालाना विकास दर (सीएजीआर) से प्रगति हुई है और वर्ष 2017 में उद्योग का कुल कारोबार 22,000 करोड़ रुपये रहा है।

इस मौके पर ईआईसीआई के वाइस चेयरमैन आर. एस. सुब्रमण्यम ने कहा कि एक्सप्रेस उद्योग में वर्तमान में 16 लाख लोगों को रोजगार मिला है और अगले पांच साल में इस क्षेत्र में 26 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

इस मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने एक वीडिया संदेश में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग व नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं की उम्मीद जताते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ने लॉजिस्टिक्स को एक विषय के रूप में शामिल करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्सि के क्षेत्र में बेहतर बुनियादी सुविधाओं और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से इसमें गति आएगी। सरकार इस विषय पर विचार कर रही है कि किस प्रकार इस क्षेत्र की गति बढ़ाई जाए और रोजगार की संभावनाएं बढ़ाई जाए।

कार्यक्रम में पैनल परिचर्चा के दौरान हवाई कारगो पर विस्तृत चर्चा हुई। इस मौके पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार नई कारगो नीति लाने वाली है जिसमें कारगो क्षेत्र की समस्याओं को ध्यान में रखा जाएगा।

लॉजिस्टिक्स कारोबार से जुड़े लोगों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और ई-वे बिल को कारोबार के लिए बेहतर बताया लेकिन उनका कहना था कि शुरुआत में जानकारी की कमी होने के चलते उन्हें थोड़ी कठिनाई हो रही है।

ईआईसीआई के सीओओ विजय कुमार ने कहा, आने वाले दिनों में जीएसटी और ई-वेल बिल का फायदा मिलेगा। मगर शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आ रही है। अभी जो दिक्कत आ रही है वह एक बार सिस्टम दुरुस्त हो जाने पर नहीं आएगी।

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