सीरिया : सैन्यअड्डे पर हमले में 14 मरे, इजरायल पर आरोप
दमिश्क, 9 अप्रैल (आईएएनएस)| मध्य सीरिया के सैन्यअड्डे पर सोमवार को हुए हमले में 14 लोगों की मौत हो गई। देश की असद सरकार और रूस ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। सरकारी समाचार एजेंसी सना ने एक सैन्य सूत्र के हवाले से बताया, सीरियाई हवाई रक्षा प्रणाली ने टी-4 नाम से लोकप्रिय सैन्यअड्डे पर इजरायली मिसाइल हमले का सामना किया और आठ मिसाइलों को मार गिराया।
सूत्र ने कहा कि इजरायली एफ-15 लड़ाकू विमानों द्वारा लेबनान हवाई क्षेत्र से मिसाइलें दागी गईं। हालांकि, एजेंसी ने मृतकों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं देते हुए कहा, वे शहीद थे और घायल हैं।
ब्रिटेन स्थित मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर हयूमन राइट्स का कहना है कि मृतकों में ईरान के नागरिक भी हैं।
शुरुआत में समाचार एजेंसी ने बताया था कि इसमें अमेरिका का हाथ हो सकता है, लेकिन अमेरिका द्वारा इनकार किए जाने के बाद रूस की सेना और सीरिया के तानाशाह बशर अल-असद सरकार ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया।
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि सोमवार को हुए हमले को अमेरिका ने अंजाम नहीं दिया। रक्षा विभाग ने सीरिया पर हवाई हमले नहीं किए हैं।
पेंटागन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, फिलहाल, रक्षा विभाग सीरिया पर हवाई हमले नहीं कर रहा है। हालांकि, हम स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और सीरया और कहीं भी रासायनिक हमलों के इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार लोगों को कटघरे में खड़ा करने के लिए जारी राजनयिक प्रयासों का समर्थन करते हैं।
फ्रांस ने भी इस हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है।
इजरायल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। टी-4 सैन्यअड्डे को निशाना बनाकर मिसाइल हमले किए गए।
रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आठ में से पांच मिसाइलों को मार गिराया गया, जबकि तीन सैन्यअड्डे के पश्चिमी भाग की ओर पहुंच गए।
गौरतलब है कि यह घटना शनिवार को सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले डौमा में कथित रासायनिक हमले पर अंतर्राष्ट्रीय विवाद के बीच आए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस कथित रासायनिक हमले की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। ट्रंप ने असद को ‘जानवर’ कहकर संबोधित किया।
ट्रंप और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त बयान जारी कर रासायनिक हमले को लेकर ठोस और संयुक्त कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताई है।
ट्रंप ने ‘जानवर असद’ की मदद करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान की आलोचना की है।