किसानों के लिए अच्छी खबर : उत्तराखंड में बनाए जाएंगे हाई क्वालिटी बीज
अनाज, सब्जियों व फूलों की खेती करने वाले किसानों को मिलेगा फायदा
उत्तराखंड के पंतनगर विश्वविद्यालय और नेपाल विश्व विद्यालय अब हाई क्वालिटी सीड प्रोडक्शन पर जल्द ही मिलकर काम करेंगे। उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन के लिए शुरू होने जा रहे प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए यह बात नेपाल के प्रधानमंत्री खड्गा प्रसाद ओली ने कही है।
नेपाल की मदद से उत्तराखंड में शुरू होने वाला यह प्रोजेक्ट कई लिहाज बड़ा कदम साबित हो सकता है। इस प्रोजेक्ट की मदद से पहाड़ी क्षेत्रों में घटती जा रही अनाज व फूलों की खेती को काबू में लाया जा सकेगा। दोनो देशों के बीच हुए आपसी समझौते में उत्तराखंड में उगाई जाने वाली कई पहाड़ी फसलों, सब्जियों व फूलों के बीज उत्पादन तकनीकों के विकास, मौसम आधारित खेती , प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण , जैविक खेती, मधुमक्खीपालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में मशीनीकरण कर इनके विकास पर ज़ोर दिए जाने की बात कही गई ।
उत्तराखंड के लिए इस समझौते को मददगार बताते हुए गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, उत्तराखंड के रजिस्ट्रार डॉ. एपी शर्मा बताते हैं,” नेपाल और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां काफी मिलती जुलती हैं। दोनो जगह पर किसान एक जैसी खेती भी करते हैं। नेपाल विश्वविद्यालय और पंतनगर विश्वविद्यालय किसानों को जैविक खेती, खेती में उन्नत बीजों का प्रयोग करने और डेयरी क्षेत्र से संबंधित नई तकनीकों से जोड़ने का काम करेंगे।”
समारोह के मुख्य अतिथि रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय नेपाल सरकार के साथ मिलकर पहाड़ों पर फलों व औषधीय फसलों की खेती पर काम कर सकते हैं। इससे उत्तराखंड के किसानों को काफी मदद मिलेगी।
पंतनगर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आए नेपाल के प्रधानमंत्री खड्गा प्रसाद ओली ने कहा कि नेपाल में दो कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं लेकिन वे अभी प्रारम्भिक अवस्था में हैं। जिनको मजबूती प्रदान करने के लिए पंत नगर विश्वविद्यालय को सहयोग करना होगा। इसके साथ ही दोनो देशों के बीच कृषि शोध में सहयोग, फलों के जीनोटाइप का आदान-प्रदान, पर्वतीय फसलों के संरक्षण, पशुचिकित्सा को बढ़ावा दिया जाएगा।
” उत्तराखंड व नेपाल में पहाड़ी क्षेत्रों में अनाज की खेती काफी की जाती है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा है कि दोनो देशों के कृषि वैज्ञानिक मिल कर किसानों के लिए ऐसे बीज उपलब्ध कराएंगे, जो कम समय में अच्छा फसल उत्पादन प्रदान कर सके। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में की जा रही नई शोध को एक दूसरे के साथ साझा करते रहेंगे, जिससे किसानों को मदद मिलती रहे।” डॉ. एपी शर्मा ने आगे बताया।