छग : साहित्य मनीषी कृष्णारंजन का निधन
रायपुर, 7 अप्रैल (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कवि, लेखक और आध्यात्मिक चिंतक कृष्णारंजन (स्वामी शांतानंद) का निधन शुक्रवार की रात राजिम स्थित उनके आवास पर हो गया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने एक शोक संदेश जारी कर कहा कि कृष्णारंजन के निधन से छत्तीसगढ़ के साहित्यिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आकाश के एक तेजस्वी सितारे का अंत हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृष्णारंजन ने महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के पवित्र संगम राजिम की अपनी कर्मभूमि में कई दशकों तक साहित्य साधना करते हुए कविताओं के साथ-साथ कई शोधपूर्ण आलेख भी लिखे। उन्होंने अपने शोध निबंधों और आलेखों के जरिए छत्तीसगढ़ के पौराणिक और सांस्कृतिक इतिहास को देश और दुनिया के सामने लाने का सराहनीय कार्य किया।
डॉ. सिंह ने कहा कि महानदी घाटी की सभ्यता पर आधारित कृष्णारंजन के कई शोध-आलेख काफी चर्चित हुए। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए जनमत निर्माण में भी उल्लेखनीय योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की है और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
कृष्णारंजन और संत कवि पवन दीवान ने अपनी साहित्य साधना के जरिए तीर्थनगरी राजिम को छत्तीसगढ़ का साहित्यिक तीर्थ बना दिया था। लगभग चार दशक पहले कृष्णारंजन ने ‘बिम्ब’ और पवन दीवान ने ‘अंतरिक्ष’ नामक साहित्यिक पत्रिकाओं का संपादन और प्रकाशन शुरू किया था।