नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)| मानव संसधान विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषय के प्रश्न-पत्र लीक मामले में एक सात सदस्य समिति गठित की है, जो बोर्ड की परीक्षा प्रक्रिया की जांच करेगी।
मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि समिति का गठन मंगलवार को किया गया, जिसकी अध्यक्षता पूर्व एचआरडी सचिव विनय शील ओबरॉय करेंगे। ओबरॉय प्रश्न-पत्रों के लीक को रोकने के मकसद से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं की जांच करेंगे। साथ ही वह परीक्षार्थियों तक बिना छेड़छाड़ के प्रश्न-पत्रों की पहुंच को सुनिश्चित करने की प्रणाली में सुरक्षा जांच से संबंधित सभी पहलुओं का परीक्षण करेंगे।
इसके साथ ही समिति प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए उपाय भी सुझाएगी। समिति 31 मई तक मंत्रालय को अपनी रपट सौंपेगी।
समिति के अन्य सदस्यों में पूर्व सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार, एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक जे.एस. राजपूत, मुंबई की एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति वसुधा कामत, पूर्व शिक्षा निदेशक (उत्तर प्रदेश) कृष्ण मोहन त्रिपाठी, महानिदेशक (राष्ट्रीय सूचना केंद्र) के वरिष्ठ प्रतिनिधि और संयुक्त सचिव (एस-2) शामिल हैं।
समिति प्रश्न-पत्रों के प्रिंटिग प्रेस से परीक्षों केंद्रों तक पहुंचने की वर्तमान प्रणाली में संभावित खामियों की जांच करेगी।
बयान में कहा गया है कि समिति प्रौद्योगिकी के उपयोग और न्यूनतम मानव हस्तक्षेप के माध्यम से अधिक सुरक्षित प्रणाली के तरीके भी सुझाएगी।
अर्थशास्त्र के प्रश्न-पत्र लीक होने के बाद से सीबीएसई की प्रणाली पर व्यापक हमले हुए हैं। प्रश्न-पत्र लीक होने के कारण लाखों विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं।
सरकार ने सीबीएसई कक्षा 12वीं की अर्थशास्त्र विषय की परीक्षा 25 अप्रैल को दोबारा करने की घोषणा की है। लेकिन 10वीं के गणित विषय की परीक्षा दोबारा कराने से इंकार कर दिया गया है।
दिल्ली पुलिस सीबीएसई की शिकायत पर लीक की जांच कर रही है।