भोपाल, 3 अप्रैल (आईएएनएस)| एससी/एसटी कानून को नरम करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सोमवार को आहूत भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। मंगलवार को भिंड जिले में एक युवक का शव मिला है। प्रभावित जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा गया है। सोमवार को लगाया गया कर्फ्यू मंगलवार को भी जारी है। दूसरे दिन भी रेल यातायात प्रभावित है। ग्वालियर में 50 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है।
राज्य के ग्वालियर-चंबल संभाग में मंगलवार को भी तनाव बना हुआ है। यही कारण है कि ग्वालियर के तीन, भिंड के पांच थाना क्षेत्रों और मुरैना में कर्फ्यू जारी है। इन इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। अर्धसैनिक बलों को भी बुलाया गया है। इसके बावजूद कुछ जगहों से पथराव और तनाव की खबरें आ रही हैं।
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) कानून व्यवस्था मकरंद देउस्कर ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि भिंड के रौन थाना क्षेत्र में मंगलवार को दशरथ नाम के युवक का शव मिला है। उसकी मौत डंडों से हमले की वजह से हुई है।
उधर भोपाल में सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखकर पुलिस ने मंगलवार को मार्च किया, साथ ही लोगों को हिदायतें दीं कि वे किसी तरह की घटना में शामिल न हों।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ग्वालियर में तीन, भिंड में चार और मुरैना में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इस तरह इस आंदोलन में मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। सौ से ज्यादा लोग घायल हैं। घायलों में पुलिस के जवान भी हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। भिंड में सांसद भागीरथ प्रसाद और मंत्री लाल सिंह आर्य के आवास पर भी पथराव हुआ है।
ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक डॉ़ आशीष ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि पुलिस ने 50 उपद्रवियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस हालात पर नजर बनाए हुए है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने प्रदेशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त बल प्रभावित जिलों को भ्ेाजा गया है। विशेष सशस्त्र बल की 16 कंपनियां, आरएएफ की चार कंपनियां, एसटीएफ की दो कंपनियों के अतिरिक्त नवप्रशिक्षित 3000 आरक्षकों को भी भेजा गया है। सभी पुलिस अधीक्षकों को इस घटनाक्रम के मद्देनजर एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
दलित आंदोलन के चलते रेल यातायात पर काफी असर पड़ा है। दिल्ली की ओर से आने वाली अधिकांश गाड़ियां पांच से 10 घंटे की देरी से चल रही हैं। राज्य के ग्वालियर, बीना, भोपाल व इटारसी रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ है।