पणजी, 3 अप्रैल (आईएएनएस)| गोवा में विपक्ष व मीडिया बिरादरी ने विधानसभा द्वारा जारी नए दिशा निर्देशों की निंदा की है। विधानसभा द्वारा जारी दिशा निर्देश में मान्यता के लिए अखबारों के प्रसार व न्यूज पोर्टल की कमाई को मानदंड बनाया गया है। ये दिशा निर्देश ऐसे समय में आए हैं, जब ‘फर्जी समाचारों’ पर सूचना व प्रसारण मंत्रालय की कार्रवाई को लेकर राष्ट्रव्यापी चर्चा चल रही है।
कांग्रेस महासचिव गिरीश चोडाणकर ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, दिशा निर्देशों को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। ये दिशा निर्देश लोकतंत्र व चौथे स्तंभ के लिए हानिकारक हैं।
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, ऑनलाइन पोर्टल के सिर्फ उन्हीं संवाददाताओं को विधानसभा की कार्यवाही को कवर करने की इजाजत दी जाएंगी, जिनके हर दिन के पेज देखने वालों की संख्या 10,000 और वार्षिक राजस्व सृजन 10 लाख रुपये होगा।
यह भी अनिवार्य किया गया है कि सिर्फ उन्हीं अखबारों के संवाददाताओं की मान्यता की इजाजत होगी, जिनकी प्रसार संख्या 15,000 प्रतियां या इससे ऊपर होगी। यदि हर दिन प्रसार संख्या 15,000 से कम होती है तो यह विधानसभा अध्यक्ष को अपवाद स्वरूप विशेष निर्णय लेने का अधिकार होगा।
गोवा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के अध्यक्ष किशोर नायक गांवकर ने कहा कि संघ जल्द ही विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत को बिना देरी के दिशा निर्देशों को वापस लेने को लिखेगा। गांवकर तटवर्ती राज्य में 200 से ज्यादा पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
गांवकर ने आईएएनएस से कहा, गोवा एक छोटा राज्य है, जहां बहुत कम अखबारों की प्रसार संख्या 15,000 से ज्यादा है और न्यूज पोर्टल के 10,000 पेज देखने वालों का कोई सवाल ही नहीं है। दिशा निर्देश के मुताबिक, विधानसभा के सत्र को कवर करने के लिए चार से ज्यादा योग्य पत्रकार ही नहीं होंगे।
उन्होंने कहा, यह हर तरीके से एक प्रतिगामी कदम है और इससे यह धारणा दिखती है कि जो भी इस फैसले में शामिल रहे हैं, वह पत्रकारों को विधानसभा की कार्यवाही को कवर करने की इजाजत देने में रुचि नहीं रखते।
दिशा निर्देश में यह भी कहा गया है कि न्यूज पोर्टल या वेबसाइटों के प्रतिनिधि, जो मौजूदा या भविष्य में साइबर क्राइम की गतिविधि में लिप्त पाए जाते हैं, तो उन्हें मान्यता नहीं दी जाएगी।
बीते महीने बीमार चल रहे मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के स्वास्थ्य के बारे में विधानसभा परिसर से डिजिटल न्यूज मैसेजिंग के जरिए जानकारी दिए जाने को लेकर मीडियाकर्मी पर प्रतिबंध लगाया गया था। उसके बाद ये दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।