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पत्नी से सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाना रेप नहीं : हाईकोर्ट

गांधीनगर। गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को फैसले में कहा कि पति द्वारा अपनी पत्नी की असहमति के बावजूद शारीरिक संबंध को रेप की संज्ञा नहीं दी जा सकती। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि ओरल सेक्स और अप्राकृतिक सेक्स को क्रूरता की श्रेणी में आता है। कुछ समय पहले एक महिला डॉक्टर ने अपने पति के खिलाफ रेप और शारीरिक शोषण का मामला दर्ज कराया था। इसी केस की सुनवाई में गुजरात होईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।

शिकायतकर्ता पत्नी पेशे से डॉक्टर है। उनके अनुसार उनका पति उसकी इच्छा के खिलाफ उसे शारीरिक संबंध बनाने को मजबूर करता है। साथ ही पत्नी ने अपने पति पर अप्राकृतिक सेक्स और दहेज उत्पीड़न का भी आरोप लगाया था।

पूरे मामले में फैसला सुनाते हुए गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.बी. पर्दीवाला ने कहा कि, ‘पत्नी से उसकी इच्छा के विरुद्ध सेक्स करना रेप की श्रेणी में नहीं आता। पत्नी के कहने पर उसके पति पर रेप के लिए आईपीसी की धारा 376 के तहत मामला दर्ज नहीं हो सकता क्योंकि वैवाहिक दुष्कर्म धारा 375 के अंतर्गत नहीं आता, जो आदमी को उसकी पत्नी (18 साल से बड़ी) से सेक्स करने की इजाजत देता है।’

गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला ने कहा कि हालांकि कोई भी महिला अपने पति के खिलाफ धारा 377 के तहत अप्राकृतिक संबंध बनाने के लिए मुकदमा दर्ज करा सकती है।

पिछले फैसलों का हवाला देते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि “एक व्यक्ति को अपनी वैध पत्नी से सेक्स करने का अधिकार है लेकिन वह उसकी संपत्ति नहीं है और यह उसकी इच्छा के बिना नहीं होना चाहिए।”

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