रायपुर, 2 अप्रैल (आईएएनएस/वीएनएस)। एससी-एसटी एक्ट के शिथिलीकरण के विरोध में सोमवार को राज्य में बंद का मिलाजुला असर रहा।
राज्य के बस्तरांचल, कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर, महासमुंद, धमतरी, राजनांदगांव, दुर्ग, कांकेर, सरगुजा समेत अन्य जिलों में भी इसका सामान्य असर देखने को मिला। राजधानी रायपुर में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद रही। (21:55)
आईजी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि बंद के दौरान किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया। अलबत्ता नगर के तमाम इलाकों में लोगों ने रैलियां निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया, मगर उनका तरीका बेहद अनुशासित रहा। लिहाजा कहीं भी बल प्रयोग की जरूरत नहीं पड़ी।
उन्होंने बताया कि महासमुंद में भी बंद शांतिपूर्ण रहा। पूरे जिले की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी। कहीं से किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली। ये जानकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय ध्रुव ने दी।
राजनांदगांव में भी बंद शांतिपूर्ण रहा। कहीं भी किसी भी प्रकार की असुविधा देखने में नहीं आई। कलेक्टर दफ्तर के सामने तीन हजार लोगों ने प्रदर्शन किया। तो वहीं डोंगरगढ़ की विधायक सरोजिनी बंजारे ने इस बंद को अपना समर्थन नहीं दिया।
प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज रायपुर, ज्ञान अभिमान समाज सेवी संस्था, सतनामी समाज तेलीबांधा, भारतीय बौद्ध महासभा छत्तीसगढ़, उत्कल अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद, आल इंडिया समता सैनिक दल और छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोड़ महासभा रायपुर के कार्यकतार्ओं ने इस बंद को अपना सहयोग दिया।
बाजारों की दुकानों पर भी बंद का कोई विशेष प्रभाव नहीं रहा। अधिकांश दुकाने खुली रहीं। कुछेक को छोड़कर बाकी दुकानदारों ने अपनी दुकानें खुली रखी थीं। कुछ पेट्रोल पंप भी रहे बंद।
सड़कों पर आवागमन के साधनों का अभाव रहा। रोज चलने वाले ऑटो की तादाद कम होने के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। कालीबाड़ी चौराहे पर खड़ी टिकरापारा की कोटवारिन बाई ने कहा, मेकाहारा अस्पताल जाना है। दो घंटे से ऑटो ढूंढ़ रही हूं। कोई जाने को तैयार नहीं है। संतोषीनगर की रेखा साहू ने भी यही बात बताई। उसने कहा कि उसे पैदल कलेक्टोरेट जाना पड़ रहा है।