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‘भारत बंद’ का बिहार में व्यापक असर, कई जगह तोड़फोड़

पटना, 2 अप्रैल (आईएएनएस)| अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी, एसटी) एक्ट पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए एक दिवसीय भारत बंद का बिहार में व्यापक असर देखा गया।

इस बंद के कारण आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा गया, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस बंद के दौरान कई जगहों पर समर्थक उग्र हो गए और जमकर उत्पात मचाया। विभिन्न राजनीतिक दलों और दलित संगठनों के कार्यकर्ता सोमवार को बुलाए गए इस बंद को सफल करने के लिए सुबह से ही सड़कों पर उतर गए और सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। बंद के कारण जगह-जगह रेल व सड़क यातायात प्रभावित हुए। दोपहर के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई।

अनुसूचित जाति-जनजाति संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने पटना व हाजीपुर के बीच ‘महात्मा गांधी सेतु’ को जाम कर दिया। इस बंद को राजद, सपा, कांग्रेस, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, भाकपा (माले) और शरद यादव का समर्थन मिला है।

जहानाबाद, दरभंगा, आरा, अररिया, सहरसा, मधुबनी जिलों में बंद समर्थक रेल पटरियों पर बैठ गए, जिससे रेलों के परिचालन पर भी प्रभाव देखा जा रहा है। बंद समर्थकों ने कई ट्रेनें रोक दी और हंगामा किया। बेतिया स्टेशन पर समर्थकों ने तोड़फोड़ की तथा पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, औरंगाबाद, मुजफरपुर सहित विभिन्न जिलों में लोग सड़क जामकर सड़कों पर आगजनी की, जिससे वाहनों की लंबी कतार लग गई। बेतिया में बंद समर्थकों ने एक पेट्रोल पंप में तोड़फोड़ की।

वैशाली जिले में ही एक निजी कोचिंग संस्थान पर बंद समर्थकों ने हमला किया, जिसके विरोध में छात्र उनसे उलझ गए। दोनों तरफ से जमकर उत्पात हुआ। घटना में दर्जनों छात्र घायल बताए जा रहे हैं। इस बीच महनार थाना क्षेत्र के अंबेदकर चौक के पास सड़क जाम में एक एंबुलेंस के फंस जाने के कारण एक बीमार नवजात की मौत की सूचना है।

इधर, राजधानी पटना में राजद के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी सड़क पर उतरे। जन अधिकार पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता सांसद पप्पू यादव के नेतृत्व में सड़कों पर उतरे, जबकि भीम सेना के कार्यकर्ता जुलूस निकालकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का विरोध किया।

तेजस्वी ने इस बंद को पूरी तरह सफल बताते हुए केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के एससी/एसटी अत्याचार रोकथाम अधिनियम को कमजोर करने के आदेश को लेकर एक समीक्षा याचिका दाखिल करने को ‘नौटंकी’ करार देते हुए कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए।

बिहार विधानसभा में भी विपक्षी सदस्यों ने अदालत के फैसले को लेकर हंगामा किया। इस क्रम में विधायकों ने एक मानव श्रृंखला भी बनाई।

बंद को देखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। राजधानी के चौक-चौराहों पर पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की गई।

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