इंदौर, 1 अप्रैल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की व्यावसायिक नगरी इंदौर में एक जर्जर होटल की चार मंजिला इमारत ढह जाने से होटल के प्रबंधक सहित 10 लोगों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस अधिकारियों की एक टीम भी इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस उपमहानिरीक्षक हरि नारायण चारी मिश्रा ने रविवार को आईएएनएस को बताया, सरवटे बस स्टैंड के करीब स्थित एम. एस. होटल की इमारत जर्जर हालत में थी। शनिवार रात एक कार के टकराने के बाद इमारत पल भर में ढह गई। हादसे के बाद से जारी राहत और बचाव कार्य रविवार दोपहर पूरा हो गया। मलबे से 10 लोगों के शव निकाले गए हैं। दो लोग घायल हुए हैं, जिनका उपचार चल रहा है।
मिश्रा ने कहा, घटना की जांच के लिए सात पुलिस अधिकारियों की टीम गठित की गई है। यह टीम इस बात का पता लगाएगी कि इमारत कार के टकराने की वजह से गिरी या कोई और कारण है। जांच के उपरांत ही इमारत मालिक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए जाने की कार्रवाई हो सकेगी।
इस बीच, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दुर्घटना की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की है। समिति को सात दिनों में जांच पूरी करने के लिए कहा गया है।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। जांच समिति में प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं पीआईयू, लोक निर्माण विभाग के परियोजना निदेशक सदस्य के रूप में शामिल होंगे। यह समिति बहुमंजिला भवन गिरने के कारणों की जांच करेगी। प्रदेश के अन्य पुराने भवनों की स्थिति के संबंध में भी यह समिति अपना प्रतिवेदन देगी, ताकि इस प्रकार की दुर्घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
शनिवार और रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण सरवटे बस स्टैंड इलाके में देर रात तक काफी चहल पहल थी। तभी अचानक होटल की जर्जर चार मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई और होटल में ठहरे लोगों के साथ दुकानों पर खड़े लोग तथा गुजर रहे वाहन मलबे की चपेट में आ गए।
हादसे के जो सीसीटीवी फूटेज सामने आए हैं, उसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि कार, बस सहित अन्य वाहन वहां से गुजर रहे हैं, तभी यह इमारत भर-भराकर गिर गई। राहत वाली बात यह रही कि बस के गुजरने के बाद इमारत ढही। यह इमारत 80 साल पुरानी बताई जा रही है।
राहत और बचाव दल से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, कई जेसीबी, डंपर आदि मलबा हटाने में लगे रहे, वहीं बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया।
जिलाधिकारी निशांत बरवड़े ने संवाददाताओं को बताया कि घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के साथ नगर निगम, पुलिस प्रशासन, अग्निशमन दल और यातायात पुलिस ने मिलकर राहत-बचाव कार्य चलाया। भोपाल से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएएफ) की एक इकाई को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया।
होटल के प्रबंधक हरीश सोनी की बेटी किरण ने संवाददाताओं को बताया कि एक सप्ताह पहले छत भी गिरी थी, मगर होटल मालिक ने उस पर ध्यान नहीं दिया। सोनी भी इस हादसे का शिकार हुए हैं।
पुलिस उपमहानिरीक्षक मिश्रा ने बताया, मलबे में बदली इमारत में एम. एस. लाज प्रथम, द्वितीय और तृतीय माले पर संचालित हो रही थी। इसी भवन के निचले तल पर एक निजी बैंक का एटीम और चार-पांच दुकानें थी, जिसके संचालक और भवन मालिक की पहचान चंदू परयानी के तौर पर हुई है।