भोपाल 1 अप्रैल (आईएएनएस)| किसानों की समस्याओं को लेकर अनेक संगठन अलग-अलग आंदोलन कर रहे हैं। एक समग्र आंदोलन कैसे खड़ा किया जाए, इसके लिए आगामी सात से नौ अप्रैल तक राजस्थान के अलवर जिले के भीकमपुरा में किसान संगठनों और समाजसेवियों का तीन दिवसीय चिंतन शिविर होने जा रहा है।
इस शिविर में किसानों की समस्याओं और उनके निदान पर चर्चा के साथ किसान आंदोलन की कार्ययोजना भी बनने वाली है। जल जन जोड़ो अभियान के संस्थापक और जल पुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह ने रविवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि देश में एक बार फिर किसानों के आंदोलनों का उत्कर्ष काल शुरू हुआ है। महाराष्ट्र के नासिक से मुंबई तक किसानों का अनुशासित मार्च और दिल्ली में किसान संगठनों के मोर्चा तथा अन्ना हजारे का सात दिन का अनशन किसानों की ताकत का अहसास करा सका।
सिंह ने बताया है कि देश का किसान इस समय चारों ओर से कर्ज से डूबा है, बाजार की लूट से घिरा हुआ है, इतना ही नहीं आंदोलन के भ्रामक तरीकों से डरा हुआ है। जब भी कोई आंदोलन सामूहिक नेतृत्व में होता है तो उसे सफलता मिलती है, मगर किसी विचारधारा, पार्टी, संगठन से जुड़े लोगों का नेतृत्व आंदोलन को कमजोर करता है। इसीलिए अब सामूहिक नेतृत्व में किसान आंदोलन चलाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आगामी सात से नौ अप्रैल तक भीकमपुरा के तरुण भारत संघ के आश्रम में तीन दिवसीय पानी, किसानी और जवानी पर गहराए संकट को देखते हुए चिंतन शिविर आयोजित किया गया है। इस शिविर का संचालन एकता परिषद के संस्थापक पी वी राजगोपाल करेंगे, लेकिन आंदोलन का निर्णय और निर्धारण स्वयं किसान संगठन ही करेंगे।
इस तीन दिवसीय चिंतन शिविर में देश के अन्य हिस्सों के साथ मध्य प्रदेश के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। मध्य प्रदेश से रुपक घोष, उत्तम यादव सहित कई लोग भीकमपुरा जाने वाले हैं।