लखनऊ/फतेहपुर, 1 अप्रैल (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले की सांसद एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि ममता बनर्जी से बंगाल तो संभल नहीं रहा वह तीसरे मोर्चे के गठन में लगी है।
एक तरफ जहां पश्चिम बंगाल से हिन्दू परिवार पलायन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ममता विभिन्न दलों से सहयोग मांगने दिल्ली घूम रही हैं।
साध्वी निरंजन ज्योति ने बसपा प्रमुख मायावती द्वारा बाबा साहेब के नाम में राम जोड़ने के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह काम मायावती को बहुत पहले करना चाहिए था। बाबा साहेब के नाम में राम शब्द जोड़ना कहां से गलत है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के पांच स्थान वीरान पड़े थे जिनका भाजपा सरकार ने जीर्णोद्धार कराने का काम किया है और पंचारथ के नाम से स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा और एक बार फिर केन्द्र की सत्ता में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पदारूढ़ होगी।
जिले की सांसद व केन्द्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आईपीएन से बातचीत में कहा कि जिस तरह से पश्चिम बंगाल में हिन्दू परिवार पलायन कर रहे हैं और वहां की मुख्यमंत्री तीसरे मोर्चे की गठन में लगी हैं। उन्होंने कहा कि ममता से प्रदेश तो संभल नहीं पा रहा है वह दिल्ली में घूम-घूमकर विभिन्न दलों से सहयोग मांग रही हैं, लेकिन उनके इस मंसूबे को कोई भी दल स्वीकार नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा कि कें द्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से रिपोर्ट भी मांगा, लेकिन ममता की सरकार ने रिपोर्ट तक केंद्र सरकार को नहीं दी। उन्होंने अखिलेश यादव द्वारा किए गए ट्वीट पर कहा कि जैसा वह करते थे वैसा उन्हें दिखाई दे रहा है। वह दो सीटों में चुनाव क्या जीत गए हैं, वह ज्यादा बोल रहे हैं और अखिलेश के अंदर उतावलापन नजर आ रहा है।
बिहार व गुजरात में मूर्ति तोड़े जाने के मामले में कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि मूर्ति तोड़ा जाना उचित नहीं है। यह जो हो रहा है वह विपक्ष की साजिश से हो रहा है। अगर उन्हें केंद्रीय बल की जरूरत होगी तो उन्हें केंद्र सरकार मुहैया कराएगा।
भीमराव आंबेडकर के नाम में राम का नाम शामिल करने पर विपक्ष द्वारा मुद्दा बनाये जाने के मामले में उन्होंने कहा कि राम नाम जोड़ा तो गलत क्या है। यह कांग्रेस को करना चाहिए था जो बाबा साहेब के पांच स्थान वीरान पड़े थे। इसमें हमारी सरकार ने काम किया और उस स्थल को पंचारथ के नाम से स्थापित किया है। भीमराव आंबेडकर के नाम के साथ राम जोड़ने पर मायावती द्वारा दिये गए बयान पर कहा कि मायावती की बौखलाहट के कारण 2017 में भी साफ हो गई और अब 2019 में पूरी तरह साफ हो जाएंगी।