तिरुवनंतपुरम, 1 अप्रैल (आईएएनएस)| सरकार के स्वामित्व वाले भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान-केरल (आईआईआईटीएम-के) की केरल ब्लॉकचैन अकादमी (केबीए) लिनक्स फाउंडेशन के हाइपरलेगर परियोजना में सदस्यता पाने वाला पहला भारतीय संस्थान बन गया है।
इसके साथ ही शहर का केरल ब्लॉकचैन अकादमी हाइपरलेगर पारिस्थितिकी तंत्र में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के वैकल्पिक वित्त के लिए कैंब्रिज केंद्र के साथ सह सदस्य बन गया है। हाइपरलेगर पारिस्थितिक तंत्र को तकनीकी व संगठनात्मक प्रशासन संरचना और 30 संस्थापक कॉपोर्रेट सदस्यों के साथ 2016 में शुरू किया गया था।
क्रॉस-इंडस्ट्री ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकियों को बेहतर करने के प्रयास और वित्त, बैंकिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स(आईओटी), आपूर्ति श्रृंखला, विनिर्माण व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिग्गजों के वैश्विक सहयोग प्राप्त करने के लिए इसे बनाया गया है।
केबीए देश में अपनी तरह का पहला संस्थान है। यह ग्लोबल ब्लॉकचैन एजुकेशन नेटवर्क (बीएएन) और आईआईटीएम-के की संयुक्त पहल है। इसका उद्देश्य जनता के भले, क्षमता निर्माण पहल, बाधाकारी नवाचारों और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक का लाभ उठाने की संभावनाओं का पता लगाने की तरफ प्रयास करना है।