बिहार के नावादा शहर में भी सांप्रदायिक तनाव
पटना, 30 मार्च (आईएएनएस)| बिहार के नावादा शहर में एक धार्मिक मूर्ति को विखंडित किए जाने की घटना से शुक्रवार को तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
नवादा के जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि घटना की खबर फैलने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ, जो दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प का रूप ले लिया।
उत्तेजित भीड़ ने वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और दुकानों में आग लगा दी। लोगों ने पुलिस पर पथराव भी किया।
कुमार ने बताया, हालांकि स्थिति को जल्द ही नियंत्रण में कर लिया गया। शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बन तैनात किया गया है।
हिंदुत्व की राजनीति के प्रबल समर्थक गिरिराज सिंह नवादा संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। नवादा में इससे पहले भी 2017 और 2013 में भी सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा हुई थी।
पिछले सप्ताह रामनवमी जुलूस के दौरान औरंगाबाद में सबसे पहले सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ, जिसके गिरफ्त में समस्तीपुर, मुंगेर, नालंदा, शेखपुरा और गया जिले भी आ गए। हमेशा शांत रहने वाले दरभंगा में भी सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास किया गया, लेकिन जिलाधिकारी ने सख्त कदम उठाते हुए हालात को काबू में रखा। स्थानीय लोग कहते हैं, हमें जब पता चला कि गिरिराज सिंह दरभंगा आए हैं, तभी हमें आभास हो गया था कि कुछ होकर रहेगा।
दंगे की शुरुआत केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत ने भागलपुर से करवाई। उनके खिलाफ वारंट है, लेकिन गिरफ्तार करने की अनुमति पुलिस प्रशासन को नहीं है, क्योंकि मामला केंद्रीय मंत्री के बेटे का है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार असमंजस में हैं, क्योंकि उनकी सरकार में अब भाजपा शामिल है।
विपक्षी दलों ने नीतीश को स्थिति से निपटने में नाकाम बताते हुए उनकी तीखी आलोचना की है।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरआरएस) के प्रमुख मोहन भागवत पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का इल्जाम लगाया और कहा कि उन्होंने अपने हालिया 14 दिन के प्रदेश के दौरे के समय दंगों की योजना बनाई और उनके कारिंदों ने सुनियोजित तरीके से योजना को अमली जामा पहनाया।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भागवत की यात्रा के दौरान आरएसएस के काडर को हिंसा फैलाने का प्रशिक्षण दिया गया।
हालांकि केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव ने तेजस्वी के आरोप को बेबुनियाद बताने का फर्ज निभाया।
इस बीच शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता अनिल सिंह शुक्रवार को पुलिस की हिरासत से भाग गया। अनिल सिंह को औरंगाबाद शहर में हाल ही में हुई सांप्रदायिक झड़प के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।