आजीवन प्रतिबंध हटवाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे कुंद्रा
कोलकाता, 30 मार्च (आईएएनएस)| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के पूर्व सह-मालिक राज कुंद्रा ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में अपने ऊपर लगाए गए अजीवन प्रतिबंध के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में समीक्षा याचिका डाली है।
कुंद्रा ने यह फैसला दिल्ली पुलिस द्वारा सूचना के अधिकार (आईटीआई) के तहत जवाब में उन्हें क्लीन चिट मिलने की बात कहे जान के बाद लिया है।
कुंद्रा ने इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, हमने दिल्ली पुलिस से आरटीआई के माध्यम से जवाब मांगा था और अब हमने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। आरटीआई से जो जवाब मिला है उसमें कहा गया है कि उन्हें मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है और मेरा सट्टेबाजी से कोई लेना देना नहीं है।
कुंद्रा ने कहा, मैंने सर्वोच्च अदालत से समीक्षा की मांग की है। दिल्ली पुलिस ने आरटीआई का जो जवाब दिया है, उसके हिसाब से मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।
2015 में सर्वोच्च न्यायालय ने चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग का दोषी मानते हुए दो साल के लिए आईपीएल से बर्खास्त कर दिया था। दोनों टीम इस साल लीग में वापसी कर रही हैं।
कुंद्रा के अलावा सुपर किंग्स के गुरुनाथ मयप्पन को जीवन भर क्रिकेट संबंधी गतिविधियों से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
कुंद्रा ने कहा, जब आपको उस चीज का दोषी पाया जाए जो आपने किया ही नहीं, तो यह बहुत दर्दनाक होता है। मैं आसान शिकार था क्योंकि मैं बाकी टीमों के मालिकों की अपेक्षा गरीब था। उनके खिलाफ हर किसी के पास सबूत थे, लेकिन मेरे खिलाफ नहीं।
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि प्रतिबंध खत्म हो जाएगा। हमने अपील कर दी है। मुझे सुनवाई की तारीख नहीं पता है। यह मामला अदालत में है। हमें न्याय तंत्र पर विश्वास है।
कुंद्रा ने कहा, हमारी समीक्षा याचिका में हमने कहा है कि दिल्ली पुलिस का फैसला देखा जाए और वो आधार देखे जाएं जिनके मद्दनेजर मुझ पर अजीवन प्रतिबंध लगाया गया है। नए सबूतों को पढ़ा जाए और हमें बताया जाए कि मैंने कहां गलती की है। उसके बाद मैं कबूल कर लूंगा। अगर दिल्ली पुलिस कह रही है कि मैंने कुछ नहीं किया है तो मुझे सजा क्यों?