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केंद्र की नीतियों पर भाजपा सांसद ने उठाए सवाल, विरोध में करेंगी रैली

लखनऊ, 28 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। इन दिनों भाजपा के ‘अपने’ ही पार्टी के खिलाफ होते दिख रहे हैं। जहां राजग गठबंधन के सदस्य भासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आमप्रकाश राजभर भ्रष्टाचार और आरक्षण नीति पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। वहीं अब बहराइच से भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले का भी नाम इस कड़ी में जुड़ गया है।

सावित्री बाई फुले ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण भारतीय संविधान एवं आरक्षण खतरे में पड़ गया है। गोपनीय ढंग से आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है। जिसके खिलाफ वह खड़ी हैं और बहुजन समाज के हक की लड़ाई लड़ती रहेंगी।

इसी कड़ी में सरकार की एससी-एसटी (अनुसूचित जाति-जनजाति) नीतियों के खिलाफ एक अप्रैल को लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में एक रैली आयोजित की जा रही है। नमो: बुद्धाय: जनसेवा समिति के बैनर तले आयोजित भारतीय संविधान आरक्षण बचाओ रैली में आरक्षण की मांग रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि नमो: बुद्धाय: जनसेवा समिति एससी-एसटी को नौकरी और प्रमोशन में आरक्षण की मांग को लेकर बीते तीन माह से प्रदेश भर में आन्दोलन कर रही है।

उन्होंने कहा कि भारत के संविधान और आरक्षण में लगातार समीक्षा की बात हो रही है। सरकार आरक्षण समाप्त करने की बात भी कह रही है। कहा जा रहा है कि आरक्षण को ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया जाएगा कि इसका होना या न होना एक बराबर हो जाएगा। वह इसके खिलाफ हैं और उसे बचाने के लिए आंदोलन कर रही है।

उन्होंने कहा कि यदि आरक्षण समाप्त होगा तो बहुजन समाज का अधिकार समाप्त हो जाएगा। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि किसी भी प्रकार संविधान में दिये गए प्रावधान से छेड़छाड़ न होने दें। जब तक अनुसूचित जातियां, जनजातियां व अन्य पिछड़ी जातियां बराबरी का दर्जा न पा लें तब तक आरक्षण खत्म नहीं होना चाहिए।

सांसद ने कहा कि वह सरकार के खिलाफ नहीं हैं, सिर्फ शोषित, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को उनका अधिकार दिलाना चाहती हैं और कहा कि अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करना अधिकार है। इसमें किसी को भी दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरक्षण की इस लड़ाई में जो भी दल उनके साथ आएंगे उसका वह स्वागत करेंगी। इस लड़ाई को वह संसद से लेकर सड़क तक लड़ेंगी।

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