सगर केंद्रीय विवि के छात्रावास में छात्राओं को निर्वस्त्र किया, जांच के आदेश
सागर, 26 मार्च (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में आ रही दुष्कर्म, छेड़छाड़ की घटनाओं के बीच सागर के डा. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कन्या छात्रावास से शर्मसार कर देने वाला वाकया सामने आया है। यहां गलियारे में सेनेटरी पैड मिलने पर कथित तौर पर छात्राओं की माहवारी की जांच की गई और निर्वस्त्र कर उनकी तलाशी ली गई। इस मामले में कुलपति आर.पी. तिवारी ने जांच के आदेश देते हुए केयर टेकर को पद से हटा दिया है। वहीं क्षेत्रीय सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने कहा कि इस घटना के पीछे साजिश की बू आ रही है।
विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को नवीन कन्या छात्रावास के गलियारे में सेनेटरी पैड और कुछ खून के दाग मिलने पर छात्रावास की अधिकारी ने सख्त ऐतराज जताया।
निर्वस्त्र करने का मामला दबाने के लिए छात्राओं पर लगातार दबाव बनाया गया, मगर सोमवार को छात्राएं खुलकर सामने आ गईं।
छात्राओं का कहना है कि छात्रावास की एक मंजिल के गलियारे में खून के दाग थे जो बाथरूम तक गए थे। बाथरूम के दरवाजे पर सेनेटरी पैड पड़ा था। इसी को लेकर प्राध्यापक ने केयर टेकर को आदेश दिए कि छात्राओं से पूछा जाए कि यह हरकत किसकी है। जब छात्राओं ने कुछ भी बताने से इनकार किया तो प्राध्यापक के फरमान पर तकरीबन 50 छात्राओं का एक-एक कर परीक्षण किया गया कि किसकी महावारी हुई है। उन छात्राओं को निर्वस्त्र भी किया गया।
छात्राओं ने कुलपति से इसकी शिकायत की। कुलपति के माफी मांगने और आश्वासन के बाद छात्राएं वापस छात्रावास लौट गईं।
कुलपति प्रो. तिवारी ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि यदि घटना हुई है तो निंदनीय है। इस घटना की तीन दिन में जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। केयर टेकर को हटा दिया गया है। छात्रावास में पहले भी सेनेटरी पैड वाशरूम में मिलने की शिकायतें मिली हैं। लड़कियों पर फाइन भी किया गया। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
कुलपति तिवारी का कहना है कि कुछ छात्राओं ने उनसे शिकायत की है। इसी आधार पर उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं, जांच रिपोर्ट तीन दिन में आ जाएगी। जो देाषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।
छात्राओं के कथित तौर पर कपड़े उतरवाए जाने के मामले के सामने आने पर अखिल भारतीय छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने प्रदर्शन किया। दोनों संगठनों ने अलग-अलग प्रदर्शन कर वार्डन को निलंबित करने की मांग की।
वहीं दूसरी ओर सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि इसे किसी भी हालत में जायज नहीं ठहराया जा सकता, मगर इसके पीछे साजिश की भी आशंका है।