हिंदू नाम रखकर ऐसा काम करता था ये शख्स, चढ़ा पुलिस के हत्थे
लखनऊ। यूपी एटीएस ने पाकिस्तान के लाहौर से संचालित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के टेरर फंडिंग के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। गोरखपुर, प्रतापगढ़, लखनऊ और रीवा से टेरर फंडिंग नेटवर्क के करीब 10 लोग गिरफ्तार किया गया है। इसका मास्टरमाइंड कुशीनगर का रहने वाला है। ये अपना नाम बदलकर रहता था। मुशर्रफ अंसारी ने अपना नाम निखिल राय रखा था। यहां तक कि उसके दोस्त और करीबी भी उसे निखिल के नाम से ही जानते थे।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के लाहौर में बैठा लश्कर-ए-तैयबा एक नामी आतंकी इस मॉड्यूल को सालों से चला रहा था। आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि जिन युवकों को गिरफ्तार किया गया है उनमें प्रतापगढ़ का संजय सरोज और रीवा मध्य प्रदेश का उमा प्रताप सिंह पाकिस्तान के लाहौर में बैठे लश्कर-ए-ताइबा के हैंडलर से सीधे संपर्क में थे।
ये लोग पाकिस्तान से मिलने वाले निर्देशों पर फर्जी नामों से अलग-अलग बैंकों में खाते खोलते थे। उन खातों में पाकिस्तान, नेपाल और कतर से पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। उसके बाद हैंडलर द्वारा बताए गए बैंक खातों में फर्जी खोले गए खातों से ग्रीन कार्ड के जरिये या फिर कैश निकालकर पैसे ट्रांसफर कराए जाते थे। इसके बदले इन लोगों को कुछ कमीशन मिलता था।
आपको बता दें कि इससे पहले 2016 में ISI एजेंट तरसेम लाल और सेना की गुप्त सूचना पाकिस्तान को देने वाले सतविंदर और दादू जम्मू में गिरफ्तार किए गए थे।इन सभी की आर्थिक मदद मध्यप्रदेश का बलराम करता था, जिसे पिछले ही साल गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों प्रकरण में पाकिस्तानी हैंडलर वही था जो यहां प्रतापगढ़ के संजय और रीवा के उमा के संपर्क में था।