आर्थिक तंगी की वजह से आमिर खान को सताता था स्कूल से निकाले जाने का डर
मुंबई। बॉक्स ऑफिस पर हर साल कमाई के रेकॉर्ड तोड़ने वाले आमिर खान आज अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। आमिर ने बतौर चाइल्ड एक्टर अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। साल 1973 में आई सुपरहिट फिल्म ‘यादों की बारात’ में चाइल्ड आर्टिस्ट के रुप में बॉलीवुड में कदम रखने वाले आमिर आज बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के तौर पर जाने जाते हैं।
फिल्मी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखने वाले आमिर फिल्मों के अलावा खेल-कूद में भी खास रुचि रखते थे। स्कूली दिनों में वह टेनिस के स्टेट लेवल के खिलाड़ी थे। कई लोग यह सोचते हैं कि फिल्मी बैकग्राउंड होने की वजह से आमिर का बचपन बेहद शान से गुजरी होगी। लेकिन यह सही नही है। पैसों की तंगी की वजह से आमिर को भी बचपन में कई दफा मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पिता ताहिर हुसैन के प्रोडक्शन हाउस की फिल्में कुछ खास चल नहीं रही थीं। इस वजह से उन्हें पैसों की तंगी रहती थी। आमिर बताते हैं, ‘रोजाना करीब 30 लेनदारों के फोन आया करते थे।’ आमिर के मुताबिक के इस वजह से उन्हें फीस ना भरने पर स्कूल से निकाले जाने का भी डर रहता था।
अपने बिगड़े हालातों की वजह से आमिर के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्मी दुनिया में आए। वह आमिर को डॉक्टर या इंजीनियर बनाना चाहते थें। लेकिन आमिर की किस्मत उन्हें किसी और उंचाई पर ले जाना चाहती थी। उन्होंने 16 साल की उम्र में पहली बार एक साइलेंट फिल्म पर काम शुरू किया।
40 मिनट की इस फिल्म का डायरेक्शन उनके स्कूल के दोस्त आदित्य भट्टाचार्या ने किया था। इस फिल्म में आमिर के साथ नीना गुप्ता और विक्टर बैनर्जी ने लीड रोल किया था।
आमिर की यही शुरुआत उनके लिए एक माइल स्टोन रही। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज एक मुकाम हासिल कर चुके हैं। उनके किरदार, फिल्मों की कहानियां, हर फिल्म एक नया मैसेज लेकर आती है।उनकी कमाई की बात करें तो इसमें भी वह सलमान, शाहरुख और ‘बाहुबली’ को पीछे छोड़ चुके हैं।