राष्ट्रीय

छग : सुकमा में नक्सलियों ने एंटी लैंडमाइन वाहन उड़ाया, 9 जवान शहीद (राउंडअप)

रायपुर/सुकमा, 13 मार्च (आईएएनएस/वीएनएस)। सुकमा जिले के किस्टाराम क्षेत्र के पलोड़ी में सोमवार सुबह 11 बजे नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर एंटी लैंडमाइन वाहन को उड़ा दिया। इसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 212वीं वाहिनी के 9 जवान शहीद हो गए और 2 अन्य घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में नक्सलियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

विशेष डीजी (नक्सल ऑपरेशंस) डी.एम.अवस्थी ने कहा, घटनास्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल को रवाना किया गया है। यह इस इलाके की तीसरी बड़ी घटना है। घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से रायपुर लाया गया है।

बस्तर के आईजी (नक्सल ऑपरेशंस) विवेकानंद सिन्हा ने कहा, जवान गश्त पर गए हुए थे। इसी बीच, पहले से घात लगाए नक्सलियों ने एंटी लैंडमाइन वाहन को आईईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया। इसके बाद जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इससे जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला। अभी हम घायल जवानों को वहां से निकालने में लगे हुए हैं। घटनास्थल से 3 किलोमीटर की दूरी पर ही सीआरपीएफ का कैंप मौजूद है।

हमले में प्रधान आरक्षक लक्ष्मण, आरक्षक अजय कुमार यादव, मनोरंजन लेंका, जितेंद्र सिंह, शोभित कुमार शर्मा, धर्मेंद्र सिंह, मनोज सिंह, चंद्रा एचएस, और राजेश कुमार शहीद हुए हैं। वहीं घायल जवानों में आरक्षक मदन कुमार और राजेश कुमार शामिल हैं।

इस इलाके में ये तीसरी नक्सली वारदात है। इससे पहले 11 मार्च 2017 को भी यहां हुई मुठभेड़ में 11 जवान शहीद हुए थे। कुछ दिनों पहले इसी इलाके में नक्सलियों ने 27 वाहनों को फूंका था। यह सभी वाहन सड़क निर्माण में लगे हुए थे।

विस्फोट इतना भयावह था कि एंटी लैंडमाइन वाहन हवा में काफी ऊंचाई तक उछल गया। इस वाहन में 11 जवान मौजूद थे।

अवस्थी ने कहा, पिछले 2 सालों में हजारों किलोग्राम आईईडी बरामद किया जा चुका है। जिससे ये वारदात हुई वो सत्तर किलोग्राम की क्षमता वाला हो सकता है। इस इलाके में और भी लैंडमाइंस हो सकती हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नक्सलियों द्वारा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर घात लगाकर हमला किए जाने की कठोर शब्दों में निंदा की है। उन्होंने इस हमले को नक्सलियों की कायरतापूर्ण हरकत बताया और सीआरपीएफ के जवानों की शहादत पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है।

डॉ. सिंह ने कहा, सुकमा जैसे आदिवासी बहुल जिलों में राज्य सरकार द्वारा जनता की सुविधा के लिए सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा आदि के क्षेत्र में हर प्रकार के निर्माण और विकास के कार्य किए जा रहे हैं, जिससे इन जिलों की तस्वीर बदल रही है और नक्सलियों का अस्तित्व संकट में हैं। इससे घबराकर उनके द्वारा विकास कार्यों में रुकावट डालने के लिए इस प्रकार का कायरतापूर्ण और शर्मनाक हमला किया गया है।

उन्होंने कहा, यह नक्सलियों की जन-विरोधी और विकास-विरोधी हिंसक मानसिकता का परिचायक है। सुरक्षा बलों के हमारे जिन बहादुर जवानों ने कर्तव्य के मार्ग पर अपनी आहूति दी है, उनकी इस शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा। हम सब छत्तीसगढ़वासी इन शहीदों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं।

मुख्यमंत्री ने हमले में घायल जवानों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने अधिकारियों को घायल जवानों का बेहतर से बेहतर इलाज करवाने के निर्देश दिए हैं।

इससे पहले जैसे ही इस मुठभेड़ की खबर रायपुर आई, पुलिस मुख्यालय में स्पेशल डीजी (नक्सल ऑपरेशंस) और पुलिस के तमाम आला अधिकारियों ने बैठकें की।

मुठभेड़ की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने इसकी पूरी जानकारी मांगी।

इससे पहले छत्तीसगढ़ में इस तरह के कई बड़े नक्सली हमले हो चुके हैं। इसी वर्ष 24 जनवरी को इरपानार के जंगल में नक्सलियों से मुठभेड़ में चार जवान शहीद हो गए थे और नौ जवान घायल हुए थे।

दंतेवाड़ा में 6 अप्रैल 2010 को हुए हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे और 8 नक्सलियों की मौत हुई थी।

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