PNB SCAM : बेटी को बचाने के लिए चुप्पी साधने का जेटली पर राहुल का आरोप
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली पर पंजाब नेशलन बैंक (पीएनबी) के साथ 12,600 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले पर अपनी वकील बेटी को बचाने के लिए चुप रहने का आरोप लगाया। उन्होंने जेटली से पूछा कि क्यों उनकी बेटी की कंपनी पर छापा नहीं मारा गया।
गांधी ने एक ट्वीट में कहा, “अब यह खुलासा हो चुका है कि हमारे वित्त मंत्री की पीएनबी घोटाले में चुप्पी अपनी वकील बेटी को बचाने के लिए है। घोटाला सामना आने से सिर्फ एक महीने पहले ही उनकी बेटी को आरोपी की ओर से भारी भरकम शुल्क चुकाया गया था। सीबीआई द्वारा आरोपियों की कानून कंपनियों पर छापेमारी की गई तो फिर उनकी बेटी की कंपनी पर छापेमारी क्यों नहीं हुई?”
कांग्रेस अध्यक्ष ने समाचार वेबसाइट द वायर का एक ट्वीट भी साथ में जोड़ा, जिसमें कहा गया है कि ‘आपको पता चल जाता है कि आप कुछ सही कर रहे हैं, जब सत्तारूढ़ व्यवस्था उस खबर के खंडन का प्रयास करती है जो अभी तक प्रकाशित भी नहीं हुई है।’
द वायर ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि वह एक खबर की जांच कर रही है और इस संबंध में जेटली की बेटी और उनके दामाद जयेश बख्शी के स्वामित्व वाली कानून कंपनी को प्रश्नावली भेजी है। अपने जवाब में बख्शी ने दिसंबर 2017 में रिटेनरशिप हासिल करने की पुष्टि की लेकिन इसे जनवरी 2018 में लौटा दिया गया।
बख्शी ने द वायर को बताया, “हमारा कहना है कि दिसंबर 2017 में गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने अपने मुकदमे और सलाहकार मामलों में चैंबर्स ऑफ जेटली एंड बख्शी से प्रतिनिधित्व करने के लिए अनुरोध किया था। लेकिन, किसी भी तरह का कोई कानूनी कार्य हमें सौंपे जाने से पहले एक बैंकिंग घोटाले में उनके शामिल होने से संबंधित खबरें मीडिया में आ गई थीं। इसके बाद हमने एकतरफा रूप से साझेदारी को रद्द कर दिया और उनका शुल्क लौटा दिया।”
द वायर के संस्थापक संपादक एम.के. वेणु के मुताबिक द वायर ने खबर को प्रकाशित करने को योग्य नहीं समझा। लेकिन, उन्होंने कहा कि ‘भाजपा की तरफ झुकाव वाली एक वेबसाइट ने इस बारे में लिखा और दावा किया कि द वायर जेटली को जाल में फंसाने वाली एक खबर की योजना बना रही है।’
गांधी ने अपने ट्वीट में अन्य कानूनी कंपनियों पर छापेमारी की जो बात कही है उसका संबंध मुंबई में सीरिल अमरचंद मंगलदास के कार्यालय पर सीबीआई द्वारा मारे गए छापे से है। यह एक दिग्गज कानूनी कंपनी है, जिसकी सेवा कथित रूप से पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी द्वारा फरवरी मध्य में बैंक घोटाला सामने आने से एक महीने पहले ली गई थी।
सीबीआई ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी से संबंधित अधिकार पत्र में फर्म द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जांच की। 14 फरवरी को घोटाला सामने आने के बाद कंपनी ने इस अधिकार पत्र को रद्द कर दिया था।
नीरव मोदी और गीतांजलि समूह के उनके रिश्तेदार मेहुल चौकसी पर पीएनबी बैंक के साथ 12,600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।