आंदोलनकारी छात्रों ने मनाई एसएससी की तेरहवीं
नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)| 13 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पूरे विधि विधान के साथ एसएससी की तेरहवीं मनाई।
सरकारी नौकरियों में हो रही धांधली और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि जिस उद्देश्य से एसएससी का गठन हुआ था उसमें ये संस्थान विफल रही है। एक संस्थान के तौर पर एसएससी खत्म हो चुकी है, इसकी मौत हो गई है जिसका देश के युवाओं को अत्यंत दुख है।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने रविवार को एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग) की तेरहवीं मनाते हुए शोक सभा का आयोजन किया।
ज्ञात हो कि पिछले 13 दिनों से दिन रात सड़क पर बैठे छात्रों की मांग अब तक नहीं मानी गई है। इतना ही नहीं आंदोलन को कमजोर और छात्रों को भ्रमित करने के लिए तिकड़मबाजी और अफवाह फैलाई गई। लेकिन छात्र अपनी दो मुख्य मांगों को लेकर लगातार सीजीओ कॉम्प्लेक्स में डटे हुए हैं।
छात्रों की मांग है कि एसएससी द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं की समयबद्ध तरीके से निष्पक्ष सीबीआई जांच करवाई जाए। जब तक जांच न हो, वर्तमान में चल रही एसएससी की परीक्षाओं को स्थगित किया जाए।
स्वराज इंडिया ने सवाल उठाया है कि दुनिया के सबसे युवा देश के प्रधानमंत्री ने देश के भविष्य से संबंधित इस आंदोलन पर अब तक एक शब्द भी क्यूं नहीं बोला है और 13 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार का कोई प्रतिनिधि छात्रों से मिलने सीजीओ कॉम्प्लेक्स क्यूं नहीं पहुंचा है? क्या सरकार युवाओं के भविष्य और राष्ट्रनिर्माण को लेकर इतनी उदासीन है?
छात्रों के इस आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी रूप ले लिया है और देशभर के कई शहरों में सरकारी नौकरी में हो रही धांधली और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं ने मोर्चा संभाल लिया है।