जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद का कारण अल्पकालिक दृष्टि : मैक्रों
नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)| फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शनिवार को कहा कि पूववर्ती नेताओं की अल्पकालिक दृष्टि और लालच दुनिया में आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन का कारण है। उन्होंने कहा, जलवायु और आतंकवाद जैसे बड़े मुद्दे जो आज हमारे सामने हैं वह हमारे नेताओं की अल्पकालिक दृष्टि के कारण हैं। वह लालची थे। यह जरूरी है कि चीजों को दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में सोचा जाए।
मैक्रों ने कहा, हमेशा आपके देश और वैश्विक पर्यावरण के बीच संतुलन को कायम रखने के बारे में सोचता हूं।
फ्रांस के राष्ट्रपति भारत के अपने चार दिवसीय दौरे के लिए यहां पहुंचे हैं, जो शुक्रवार से शुरू हुआ। वह यहां बीकानेर हाउस में छात्रों के साथ संवाद कर रहे थे।
उन्होंने कहा, हम डिजिटल युग और जलवायु परिवर्तन में क्रांति के मध्य हैं। हमें पूर्वाग्रह में बदलाव, उद्यमशीलता को सुविधाजनक बनाने, जोखिम लेने वालों की संख्या में वृद्धि की जरूरत है। आर्टिफिशल इन्टेलिजन्स एक बड़ा बदलाव लाने वाला कारक है लेकिन आपको जमीनी स्तर से इसकी शुरुआत करनी होगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा सभी चीजों की शुरुआत है। सर्वोत्तम संभव शिक्षा हासिल करें। आप कम शिक्षित होंगे तो आपके पास मौके कम होंगे। जीवन में सभी चीजों को 25 की उम्र में तय न करें। शिक्षा शुरुआती बिंदु है।
उन्होंने कहा, आप अपने डर को अधिक महत्व न दें। बहुत सी प्रतियोगिताएं हैं। महत्वाकांक्षी रहें, अपना सर्वश्रेष्ठ करें।
उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत और फ्रांस के बीच ज्यादा से ज्यादा आदान-प्रदान के कार्यक्रम हों।
मैक्रों ने कहा, मेरा मानना है कि हमें हमारे लोगों, हमारे छात्रों की ज्यादा ज्यादा से अदला-बदली करनी चाहिए। मैं चाहता हूं कि अधिकतर अनुसंधानकर्ता फ्रांस आएं। मैं चाहता हूं कि अधिक संख्या में भारतीय मेरे देश आएं।
उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि फ्रांस आने वाले छात्रों की संख्या दोगुनी हो और साथ ही फ्रांस से भारत जाने वाले छात्रों की भी संख्या बढ़े।
लिंग समानता के मुद्दे पर मैक्रों ने कहा कि फ्रांस में महिलाओं के साथ अपराध के खिलाफ श्रृंखलाबद्ध फैसले लिए गए हैं।
उन्होंने कहा, हमारे समाज ने बदलने का फैसला किया है। लोगों ने बोलने का फैसला किया है। हमने कठोर फैसले किए हैं..हिंसा के खिलाफ श्रंखलाबद्ध फैसले लिए गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके सत्ता में आने के बाद फ्रांस की संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है।