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कार्ति की सीबीआई हिरासत तीन दिन बढ़ी, ईडी की गिरफ्तारी से बचाव (राउंडअप)

नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)| वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिंदबरम को कथित रिश्वत मामले में तीन दिन और सीबीआई हिरासत में रहना होगा जबकि उनको दिल्ली उच्च न्यायालय से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी से अंतरिम राहत मिल गई है।

विशेष अदालत ने शुक्रवार को आईएनएक्स मीडिया रिश्वत मामले में आरोपी वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिंदबरम की सीबीआई हिरासत की अवधि तीन दिन और बढ़ा दी है।

कार्ति पर आरोप है कि उनके पिता पी. चिदंबरम के केंद्र में वित्तमंत्री रहते हुए उन्होंने निजी कंपनियों से कथित तौर पर विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाने के बदले रिश्वत ली थी।

विशेष अदालत के न्यायाधीश सुनील राणा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को 46 वर्षीय कारोबारी से 12 मार्च तक पूछताछ करने की अनुमति प्रदान की। एजेंसी ने कार्ति चिदंबरम की हिरासत अवधि छह दिन और बढ़ाने की मांग की थी। सीबीआई 28 फरवरी को कार्ति की गिरफ्तारी के बाद से उनसे पूछताछ कर रही है।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि उसे कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनसे साबित हो सकता है कि कार्ति चिदंबरम ने विदेशी निवेश मंजूरी दिलाने के बदले रिश्वत ली थी।

अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने विशेष अदालत से कहा कि सीबीआई ने कई दस्तावेज बरामद किए हैं जिनसे साबित हो सकता है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता के पुत्र का ‘एडवांटेज स्ट्रेटजिक’ कंपनी से सीधा संबंध है।

कंपनी को कथित तौर पर एयरसेल और आईएनएक्स मीडिया से विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के लिए लाखों रुपये मिले थे।

मेहता ने कहा, इसलिए कार्ति को छह दिन और हिरासत में रखने की जरूरत है।

बचाव पक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की दलील का विरोध किया और कहा कि एजेंसी चेन्नई में कुंबक्कन रोड स्थित एडवांटेज स्ट्रेटजिक के पंजीकृत कार्यालय का पता ढूंढने में विफल रही।

उन्होंने कहा, सीबीआई एक साल से पंजीकृत कार्यालय का पता नहीं ढूंढ पाई। कोई व्यक्ति गूगल पर इसकी जानकारी ले सकता है। मुझे यह हैरान करने वाला व हास्याप्रद प्रतीत होता है।

मेहता ने सिंघवी की दलील का प्रतिरोध किया और कहा कि कुछ दस्तावेज चेन्नई कार्यालय से निकालकर अन्य स्थान पर भेज दिए गए हैं। सीबीआई ने सूचना के आधार पर सात और आठ मार्च को कई दस्तावेज बरामद किए हैं।

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कार्ति ने जेल में बंद पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के स्वामित्व वाले आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत ली थी।

सीबीआई के मुताबिक, उसके पास आईएनएक्स मीडिया की मालकिन इंद्राणी मुखर्जी का एक रिकॉर्डेड बयान है जिसमें उन्होंने कार्ति चिदंबरम द्वारा एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने के लिए रिश्वत की मांग करने व लेने का आरोप लगाया है।

कार्ति चिदंबरम को पिछले हफ्ते मुंबई में इंद्राणी मुखर्जी से रूबरू करवाया गया था।

सीबीआई ने शुक्रवार को अदालत में दो आवेदन दिए, जिनमें एक कार्ति का उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट भास्करण रमण से रूबरू कराने की अनुमति की मांग को लेकर था, जबकि दूसरा आवेदन मुखर्जी को मुंबई से दिल्ली लाने और जगहों की पहचान करवाने को लेकर था, जहां वे कार्ति से मिले थे।

सिंघवी ने कहा कि कार्ति का रक्तचाप ठीक नहीं है क्योंकि 2.30 बजे तक हर रात चार सुरक्षा कर्मियों के ताश खेलने से वह सो नहीं पाते हैं।

उधर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कार्ति चिदंबरम को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई 20 मार्च तक रोक लगा दी है। ईडी मामले में अलग से जांच कर रही है।

हालांकि उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और आई. एस. मेहता की पीठ ने कार्ति को जांच में सहयोग करने, बुलाए जाने पर ईडी के समक्ष पेश होने और पासपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं।

बचाव पक्ष के वकील कपिल सिब्बल और सिंघवी ने अदालत को बताया कि सीबीआई की हिरासत से मुक्त होने पर ईडी द्वारा उनके मुव्वकिल की बारी-बारी से गिरफ्तारी की जारी रही है।

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