सोनिया ने मोदी सरकार पर तथ्यों को झुठलाकर इतिहास रचने का लगाया आरोप
मुंबई। कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों की स्वतंत्रता निरंतर खतरे में है क्योंकि सत्तारूढ़ शासन भड़काऊ बयानबाजी कर रहा है, जो न तो आकस्मिक है न भूलवश बल्कि ‘एक खतरनाक डिजायन का हिस्सा है।’
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने यहां इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में अपने संबोधन में कहा कि इतिहास को फिर से लिखने, तथ्यों को झूठलाने और राष्ट्र निर्माताओं पर हमला करने का प्रयास किया जा रहा है।
सोनिया ने कहा, “हमारा समाज, हमारी आजादी निरंतर हमले के साए में हैं। इस बारे में कोई गलती नहीं करें। यह भारत के विचार में फेरबदल करने को लेकर एक लंबे समय से तैयार योजना है।”
उन्होंने कहा,”सत्तारूढ़ सरकार की ओर से भड़काऊ बयानबाजी न तो आकस्मिक है और न भूलवश है। ये एक खतरनाक डिजायन का हिस्सा हैं।”
सोनिया ने कहा कि देश के संविधान को बदलने के बारे में निराशाजनक टिप्पणियां की जा रही हैं, जो भारत के सार को जानबूझकर नष्ट करने के प्रयास का संकेत है।
उन्होंने कहा, “संसदीय बहुमत को सदन में बहस व चर्चा न होने देने का लाइसेंस माना जा रहा है। हमारी आजादी हमले के साए में है। हमारे लोग अधीर हो रहे हैं।”
सोनिया ने कहा कि निराशाजनक बातें करना उनका स्वभाव नहीं है लेकिन हमें चीजों को वैसे ही देखने की जरूरत है, जैसी वे हैं।
उन्होंने कहा कि भय और धमकी के खिलाफ उठने वाली आवाजों को चुप कराया जा रहा है। सोनिया ने दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का जिक्र करते हुए कहा, “दलितों पर अत्याचार को लेकर असंवेदनशीलता हैरान करने वाली है।”
उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के मकसद से समाज का ध्रुवीकरण किया जा रहा है। धार्मिक तनाव बढ़ रहे हैं। सोनिया ने सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के नामों का संक्षेपीकरण करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “हमें तेजी से बढ़ने की जरूरत है। लेकिन फास्ट, एफ.ए.एस.टी पहले काम करना और फिर विचार करना नहीं हो सकता है।”
सोनिया ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अपने भाषण का अंत करते हुए कहा कि भारत एक महान और शानदार देश है। चलो हम इसकी सुरक्षा करें, इसे सहेजकर रखें।