शिवराज वर्तमान दौर के कंस और शकुनि मामा : सुरजेवाला
भोपाल, 7 मार्च (आईएएनएस)| कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां बुधवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला बोला और उनकी तुलना कंस व शकुनि से कर डाली। पार्टी के मध्यप्रदेश कार्यालय पहुंचे सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, पौराणिक काल के दो मामा प्रसिद्ध हुए हैं- कंस और शकुनि। आज के युग में भी एक मामा मध्यप्रदेश में हैं। पौराणिक काल के मामाओं की कथा तो सबको पता है, मध्यप्रदेश के मामा की गाथा हम सुनाते हैं।
सुरजेवाला ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की पहचान पहले देश की कला, संस्कृति और संस्कार की राजधानी के रूप में हुआ करती थी। आज हालात ये हैं कि यहां निरंकुश अपराधी राज कर रहे हैं। मप्र वर्ष 2004 से लगातार अपराधों में अव्वल रहा है। महिलाओं से दुष्कर्म के मामले में हाल यह है कि अब तक 2004 से 2016 तक 46,308 दुष्कर्म हुए हैं, जो देश मे सर्वाधिक हैं। जहां 2004 में 2875 दुष्कर्म की घटनाएं हुईं, वे आज बढ़कर 4909 प्रतिवर्ष होने लगी हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चियों, महिलाओं के अपहरण की बात की जाए, तो हालात ये हैं कि जहां 2004 में 584 अपहरण होते थे, वहीं आज का अपहरण का आंकड़ा 4904 प्रतिवर्ष पर पहुंच गया है, यानी ये मामले लगभग 10 गुना बढ़ गए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2016 की रिपोर्ट बताती है कि देश में सबसे ज्यादा मप्र में 42़ 8 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, यानी 47,08000 बच्चे। मोदी सरकार की एसआरएस 2017 की रिपोर्ट बताती है कि मध्यप्रदेश में नवजात शिशु मृत्युदर 32 है, जो देश में सबसे ज्यादा है। इस मान से मप्र में 61 हजार बच्चों की जन्म के पहले 28 दिनों के भीतर ही मौत हो जाती है। इसी तरह शिशु मृत्युदर भी देश में सबसे ज्यादा 47 फीसदी है। यानी लगभग 90 हजार बच्चे अपने पहले जन्मदिन तक भी जिंदा नहीं रह पाते।
सुरजेवाला ने राज्य के अपराधों की स्थिति का जिक्र किया और बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की हाल ही में आई रिपोर्ट यह बताती है कि भारत में सबसे ज्यादा बच्चे मप्र में गायब होते हैं। एक वर्ष में मप्र में 8503 बच्चे गायब हुए, इसमें से 6037 लड़कियां और 2466 लड़के हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, मामा जी ने मध्यप्रदेश का यह हाल किया है कि स्कूलों में बिजली तक नहीं है और कंप्यूटर शिक्षा का दावा होता है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से जारी भारत में स्कूली शिक्षा की रिपोर्ट बताती है कि मप्र में 150762 स्कूलों में से मात्र 28़60 प्रतिषत स्कूलों में बिजली है और मात्र 14़58 प्रतिशत स्कूलों में कंप्यूटर की शिक्षा दी जाती है और यह आंकड़ा पूरे देश मे सबसे बदतर है। इन तथ्यों से स्पष्ट है कि मप्र के सामाजिक सरोकारों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाकर मामा सत्ता के मजे लूट रहे हैं।
किसानों की हालत का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने कहा, शिवराज खुद किसानों को भगवान बताते हैं और आतंकियों की तरह अन्नदाताओं के सीने पर गोलियां चलवाते हैं। भाजपा सरकार में अब तक 15,283 किसानों ने आत्महत्या की है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राज्य में कृषि पंप का 50,000 करोड़ से अधिक का सब्सिडी घोटाला हुआ है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों नहीं, बल्कि कुछ कंपनियों को फायदा हो रहा है। प्रदेश में आदिवासियों को अपना हक नहीं मिल रहा है और उनका जीवन बद से बदतर होता जा रहा है। आदिवासियों की जमीन के पट्टों के आवेदन बड़ी संख्या में निरस्त किए जा रहे हैं।