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भारत में स्वभाविक है आपसी सम्मान : राष्ट्रपति

अलीगढ़, 7 मार्च (आईएएनएस)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां बुधवार को कहा कि ‘भारतीय समाज में आपसी सम्मान’ तथा ‘जीने और सोचने के वैकल्पिक तरीकों की स्वीकृति’ नारा मात्र नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र का जीवन जीने का तरीका है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के 65वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने कहा, ये सबक हमें एक देश के रूप में प्रमाणित करते हैं और ये सबक हमारे देश के धर्मो के बीच विश्वास बनाए रखते हैं और देश के विभिन्न समुदायों के बीच विश्वास बनाए रखते हैं। इस भावना को बनाए रखना जरूरी है।

उन्होंने कहा, हम वैश्वीकरण के युग में रह रहे हैं। हम ऐसी दुनिया बना रहे हैं, जिसे न सिर्फ अपने अनुकूल बनाना है बल्कि इसकी विविधता का उत्सव मनाना है। अपने सपनों का भारत बनाने के लिए आधुनिक प्रोद्यौगिकी की बेहतरीन कृति को हमारे समाज की परंपराओं और संस्कृतियों से जोड़ना होगा।

उन्होंने कहा, ऐसा भारत प्रत्येक भारतीय के लिए सहायक होगा जहां प्रत्येक लड़का और लड़की, वह चाहे किसी धर्म से हो अपनी पूरी क्षमता को पहचाने। 21वीं सदी की शुरुआत में इस अशांत दुनिया में ऐसा भारत एक आशा की किरण बनेगा।

राष्ट्रपति ने कहा, अलीगढ़ विश्वविद्यालय की उस विरासत को आगे बढ़ाएं, जिसमें सर अहमद ने कहा था कि एक हाथ में दर्शन हो और दूसरे में प्राकृतिक विज्ञान। मुझे उम्मीद है कि विश्वविद्यालय के छात्र हमारे समाज को बनाने में भविष्य में भी सहयोग करते रहेंगे।

कोविंद ने कहा कि एएमयू को किसी एक समुदाय से जोड़कर देखना उचित नहीं है, क्योंकि देश के विकास में एएमयू की अहम भूमिका है।

राष्ट्रपति ने कहा, उत्तर प्रदेश से अधिक लगाव होने के चलते जब भी किसी कार्यक्रम के लिए आमंत्रण मिलता है, उसे स्वीकार लेते हैं। कुछ बुलाते हैं और कुछ बुलाने में हिचकिचाते हैं। देश की बड़ी शिक्षा संस्था में आकर मुझे गर्व हुआ।

उन्होंने कहा कि एएमयू की पूरी दुनिया में शोहरत है, यहां के निकले छात्र देश का नाम रोशन कर रहे हैं। अक्टूबर में इथोपिया जाना हुआ। वहां के प्रधानमंत्री की पत्नी ने बताया कि वे एएमयू की स्टूडेंट रही हैं।

कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब के जीवन से प्रेरणा लेने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि 21वीं सदी में भारत के आगे बढ़ने में युवाओं की अहम भूमिका होगी। आधुनिक दुनिया में प्रगतिशील सोच की जरूरत है, जिससे कि समाज बराबरी के साथ आगे बढ़ सके। उन्होंने इसरो में पहुंचने वाली एएमयू की छात्रा खुशबू मिर्जा की चर्चा करते हुए कहा कि बेटियां आगे बढ़ती हैं तो देश आगे बढ़ता है।

उन्होंने छात्रों से उम्मीद जताई कि दुनिया जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है। वह भी होनहार बनें। एएमयू की रवायत और तरक्की पसंद विरासत को आगे बढ़ाएं।

इससे पहले एएमयू में कुलपति प्रो़ तारिक मंसूर ने उनकी अगवानी की। राष्ट्रपति के साथ प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक भी मौजूद रहे।

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