पूर्वोत्तर में भाजपा की अंधी सत्ता दौड़ स्थायित्व का कर रही अतिक्रमण : कांग्रेस
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों के लिए त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में सरकार गठन का रास्ता लगभग साफ होने के बीच कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि ‘सत्ता के लिए भाजपा की अंधी दौड़ पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थायित्व का अतिक्रमण कर रही है।’ कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा क्षेत्र में अस्थिरता, विनाश और जबरदस्ती सत्ता हथियाने का खतरनाक खेल खेल रही है।
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय की जनता को हमारी शुभकामनाएं हैं। हम आशा करते हैं कि लोगों के मसले, खासतौर से युवाओं के मुद्दे प्राथमिकता के तौर पर सुलझाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हर भारतीय इस बात को लेकर चिंतित है कि भाजपा की ‘किसी भी कीमत पर’ और ‘किसी भी तरीके’ से सत्ता हथियाने की कोशिश से क्या संपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र को अस्थिरता के अंधकार में धकेला नहीं जा रहा है?
सुरजेवाला ने कहा कि त्रिपुरा में भाजपा ने आईपीएफटी के साथ हाथ मिलाया है जिसका चुनावी मुद्दा राज्य का विभाजन है और अब वह जनजातीय मुख्यमंत्री की मांग कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा त्रिपुरा का विभाजन करेगी और जनजातीय मुख्यमंत्री की मांग को खारिज करेगी।
उन्होंने कहा कि नागालैंड में भाजपा एनपीएफ के साथ सरकार में थी, फिर भी वह विपक्षी पार्टी एनडीपीपी के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव में उतरी।
एनीएफ ने 26 सीट पर जीत दर्ज कि और एनडीपीपी को 18 सीटें मिलीं। दोनों सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या नागालैंड में फिर उसी तरह की अस्थिरता बनी रहेगी जैसी पिछले पांच साल के दौरान रही।
उन्होंने मणिपुर में भाजपा गंठबंधन सरकार की स्थिरता पर संकट के बादल मडराने की बात कही।
सुरजेवाला ने कहा कि मेघालय में भाजपा सिर्फ दो विधायकों को लेकर सत्ता में हिस्सेदारी चाहती है। उन्होंने कहा, हर विरोधी पार्टी जो भाजपा खिलाफ चुनाव में मैदान में उतरी थीं, वे विचारधारा व राजनीतिक और चुनावी रूप से एक दूसरे के विरोध में खड़ी थीं, लेकिन अब किसी भी कीमत पर सरकार बनाने में जुटी हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही मेघालय की आकांक्षा और स्थायी सरकार का जवाब है।
मेघालय में कांग्रेस 21 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप मे उभरी है, लेकिन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या बल प्राप्त करने से वंचित रही है।