टड्रो ने स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका, अलगाववादियों को समर्थन से इंकार
अमृतसर, 21 फरवरी (आईएएनएस)| कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो ने बुधवार को अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका, और कनाडा में बड़ी संख्या में बसे प्रभावशाली सिख और पंजाबी समुदाय की महत्ता को रेखांकित किया।
भारतीय पारंपरिक परिधान में सिर ढके टड्रो परिवार ने सिखों की पवित्र पुस्तक गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और लंगर में अपने हाथों से रोटियां बनाई। उन्होंने करीब एक घंटा सिखों के इस पवित्र स्थल पर बिताया।
टड्रो ने बाद में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से यहां एक होटल में मुलाकात की और कहा कि उनका देश भारत और कहीं भी किसी अलगाववादी आंदोलन का समर्थन नहीं करता है। अमरिंदर ने बाद में कहा कि उन्होंने खालिस्तान का मुद्दा उठाया था और कनाडा में कुछ तत्वों का समर्थन किया था, जिसके कारण पंजाब में अस्थिरता फैली।
टड्रो का यह स्पष्ट आश्वासन ऐसे समय में आया है, जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अलगाववाद और घृणास्पद अपराधों को कम करने में कनाडा के प्रधानमंत्री से सहयोग की मांग की।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठकराल ने उनकी 40 मिनट की मुलाकात के बाद खुलासा किया, क्यूबैक में अलगाववादी आंदोलन का हवाला देते हुए टड्रो ने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इस तरह के खतरों का सामना किया है और वह हिंसा के खतरे से पूरी तरह जागरूक हैं। उन्होंने अपनी पूरी ताकत से इसे समाप्त करने के लिए काम किया है।
अमरिंदर ने टड्रो को एक भारत के उनके मुखर रुख के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने कनाडा के नौ कार्यकर्ताओं की एक सूची भी सौंपी, जिनपर आतंकी गतिविधियों के लिए हथियारों का वित्तपोषण और आपूर्ति कर पंजाब में घृणास्पद अपराधों में शामिल होने का आरोप है। इसके साथ ही ये लोग यहां युवाओं और बच्चों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश में भी शामिल हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने भारतीय-कनाडाई का मुद्दा भी उठाया। उनका मानना है कि राज्य में निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं में ये लोग शामिल हैं। उन्होंने टड्रो से इस तरह के तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया।
दोनों देशों के बीच व्यापार और वाणिज्य संबंध फिलहाल बहुत कम हैं। अमरिंदर ने टड्रो से पंजाब में कनाडा से निवेश बढ़ाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। दोनों नेताओं ने संयुक्त परियोजनाओं के माध्यम से सहयोग पर सहमति व्यक्त की।
बैठक में कनाडा के रक्षामंत्री हरजीत सिंह सज्जन और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी उपस्थित थे।
इससे पहले टड्रो अपने परिवार सहित मुंबई से यहां श्री गुरु राम दासजी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचे, जहां उनका स्वागत केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सिद्धू ने किया। यहां से वे सीधे स्वर्ण मंदिर परिसर पहुंचे और मत्था टेका।
चार भारतीय मूल के मंत्रियों समेत पांच कनाडाई संघीय मंत्रियों के साथ यहां पहुंचे टड्रो का स्वर्ण मंदिर में प्रवेश पर स्वागत शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने किया।
सफेद रंग का कुर्ता पहने और सिर पर केसरिया सिरोपा बांधे टड्रो ने स्वर्ण मंदिर परिसर में अपनी पत्नी सोफी के साथ प्रवेश किया। सोफी ने फिरोजी रंग का कुर्ता और उनके बच्चों ने भारतीय पारंपरिक परिधान पहन रखे थे। इसके साथ ही प्रवेश के दौरान ‘बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ के नारे गूंजने लगे।
टड्रो और उनके परिवार के सदस्य सबसे पहले लंगर कक्ष गए, जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु लंगर में मौजूद थे और साथ ही उन्होंने सेवा में हिस्सा लिया। इसके दौरान वह छोटे से स्टूल पर बैठ गए और फिर उन्होंने आटा गूंधा और रोटियां बेली।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने सूर्य की रोशनी में नहाए और चमचमाते स्वर्ण मंदिर में प्रवेश से पहले परिक्रमा भी की। परिवार ने गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका। गुरुग्रंथ साहिब सिखों की पवित्र पुस्तक है, जिसे एक जिंदा गुरु के रूप में माना जाता है।
टड्रो परिवार को स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ने सिरोपा (पारंपरिक सम्मान वस्त्र) भेट किया।
टड्रो की यात्रा के मद्देनजर इस पवित्र शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। टड्रो की अमृतसर यात्रा को ध्यान में रखते हुए मंगलवार से ही सैकड़ों सुरक्षाकर्मियों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है।