‘परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए आतंकियों को लुभा रहा है चीन’
इस्लामाबाद, 20 फरवरी (आईएएनएस)| चीन पिछले पांच सालों से पाकिस्तान में अपनी 60 अरब डॉलर की परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास के तहत बलूच आतंकियों को लुभाने के लिए उनसे गुपचुप वार्ता कर रहा है।
यह परियोजनाएं चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का हिस्सा हैं। यह खुलासा एक मीडिया रिपोर्ट में किया गया है। पाकिस्तान के दैनिक डॉन ने मंगलवार को फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के हवाला देते हुए कहा कि वार्ता की जानकारी रखने वाले तीन लोगों ने टाइम्स को बताया कि बीजिंग बलूचिस्तान में आंतकियों के साथ प्रत्यक्ष तौर पर संपर्क में है। बलूचिस्तान में सीपीईसी से संबंधित कई परियोजनाएं हैं।
एक पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया, चीन ने इस दिशा में बहुत प्रगति की है। हालांकि कभी कभी अलगाववादी आकस्मिक हमला करते रहे हैं लेकिन वे मजबूत प्रहार नहीं कर रहे हैं।
सीपीईसी लिंक सड़कों, रेलवे और राजमार्गो के माध्यम से चीन के शिंजियांग प्रांत में कशगर और पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को जोड़ेगी।
भारत ने इस गलियारे पर कड़ी आपत्ति जताई है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।
फाइनेंशियल टाइम्स की खबर के मुताबिक पाकिस्तानी अधिकारियों ने बलूच विद्रोहियों और चीनी राजनयिकों के बीच वार्ताओं का स्वागत किया है, बिना यह जाने की इनके बीच किन मुद्दों पर चर्चा हुई है।
इस्लामाबाद में एक अधिकारी ने कहा, कुल मिलाकर, अगर बलूचिस्तान में शांति बहाल होती है तो इसमें हम सभी का फायदा है।
एक अन्य ने कहा कि हाल ही में अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता से मना करने के फैसले के बाद पाकिस्तान में कई लोगों को यह समझा आ गया है कि चीन ‘असल में भरोसेमंद साझेदार है।’
अधिकारी ने कहा, चीनी यहां रहेंगे और पाकिस्तान की मदद करेंगे। वे अमेरिकियों की तरह नहीं हैं जिनका विश्वास नहीं किया जा सकता।
चीनी अधिकारियों ने इस वार्ता पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, इस्लामाबाद में चीनी राजदूत ने हाल ही में बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि बलूचिस्तान में रह रहे आतंकियों से इस आर्थिक गलियारे को अब कोई खतरा नहीं है।