ट्रूडो की भारत यात्रा खालिस्तान मुद्दे की भेंट चढ़ी : हर्ब धालीवाल
टोरंटो, 20 फरवरी (आईएएनएस)| कनाडा सरकार में भारतीय मूल का पहला मंत्री होने का दर्जा रखने वाले हर्ब धालीवाल का कहना है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मौजूदा भारत यात्रा खालिस्तान मुद्दे की वजह से पटरी से उतर गई है।
धालीवाल कनाडा सरकार में 1997 से 2003 तक राजस्व एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री रह चुके हैं।
पश्चिमी देशों में भारतीय मूल के पहले सांसद के रूप में 1993 में निर्वाचित हुए धालीवाल ने आईएएनएस को बताया, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में मीडिया ने खालिस्तान मुद्दे को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। इससे दोनों देशों के बीच के व्यापार से ध्यान हट गया है, जिस पर दोनों देशों को चर्चा करनी चाहिए।
धालीवाल ने कहा कि दोनों देशों के बीच का मुद्दा खालिस्तान नहीं मानवाधिकारों के बारे में है।
उन्होंने कहा, जब मैं कैबिनेट मंत्री था तो मैं प्रधानमंत्री आई.के. गुजराल, मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी से मिला था और 1984 के दंगों के गुनहगारों को सजा दिलाने का मुद्दा उठाया था। मैंने उन्हें बताया था कि यह मानवाधिकारों का मामला है और उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं थी।
धालीवाल ने कहा कि कनाडा में सिखों की बहुतायत संख्या का खालिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें सिर्फ इतना चाहिए कि मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए और 1984 के दंगों के लिए जिम्मेदार रहे लोगों को कानून के कटघरे में खड़ा किया जाए।
धालीवाल ने कहा, कनाडा में सिखों की थोड़ी-सी आबादी है, जो अपने निजी स्वार्थ के लिए खालिस्तान के मुद्दे को साध रही है। यह मानवाधिकारों का मुद्दा है।
ट्रूडो कैबिनेट में रक्षामंत्री हरजीत सज्जन सहित दो सिख मंत्रियों पर लगे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आरोपों पर धालीवाल को उम्मीद है कि टड्रो इन मुद्दों पर उनसे चर्चा करेंगे।
उन्होंने 2016 में अमरिंदर सिंह को कनाडा का वीजा देने से इनकार करने के बारे में कहा, यह नौकरशाह और अन्य स्तर पर हुई गलतफहमी का नतीजा है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। कनाडा को इस गलती के लिए अमरिंदर सिंह से माफी मांगनी चाहिए।
धालीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रूडो से व्यापार से अपने ध्यान को नहीं भटकाने का आग्रह करते हुए कहा कि भारत और कनाडा के आर्थिक हित एक-दूसरे के पूरक हैं।
उन्होंने कहा, कनाडा तेल और गैस क्षेत्र में समृद्ध हैं और हम भारत की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था की ऊर्जा सुरक्षा मांगों को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। हम भारत के लिए कृषि उत्पादों के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हो सकते हैं।
धालीवाल ने दोनों देशों के बीच की समस्याओं के बावजूद कहा, कनाडा में भारतीय विद्यार्थियों की भारी संख्या और सीधी उड़ान सेवा फायदे का सौदा हैं, जिससे भावी संबंधों के निर्माण में मदद मिलेगी। मुझे लगता है कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जिस पर लोगों को जोर देना चाहिए।