पंजाब के पूर्व मंत्री के कॉरपोरेट कार्यालयों पर आयकर के छापे
चंडीगढ़, 16 फरवरी (आईएएनएस)| आयकर अधिकारियों ने शुक्रवार को पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के परिवार के स्वामित्व वाली विभिन्न कंपनियों के कॉरपोरेट कार्यालयों पर छापे मारे। सूत्रों के अनुसार, ये छापे शुक्रवार सुबह शुरू हुए और दोपहर बाद तक जारी रहे। आगे के विवरण की प्रतीक्षा है।
छापेमारी शुरू होने के बाद राणा ग्रुप ऑफ कंपनीज के तहत कई कंपनियों के अधिकारियों व कर्मचारियों को परिसर में दाखिल होने की अनुमति नहीं दी गई। इन कंपनियों में राणा सुगर्स, राणा पॉलीकॉट, राणा डिस्टिलरीज व राणा इंफार्मेटिक्स शामिल हैं।
अरबपति मंत्री को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है। पूर्व मंत्री शराब व चीनी उत्पादन के व्यापार से जुड़े हैं। भ्रष्टाचार के विवादों से घिरने के बाद भी मुख्यमंत्री उनका बचाव कर रहे थे।
राणा को करोड़ों रुपये के खनन घोटाले के कारण अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाले पंजाब सरकार से बीते महीने इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा था। राणा से इस्तीफा लेने को लेकर अमरिंदर सिंह नाखुश थे, लेकिन कांग्रेस हाई कमान की वजह से राणा को इस्तीफा देना पड़ा।
राणा व उनके परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियां भ्रष्टाचार व धन शोधन के आरोपों का सामना कर रहीं हैं।
अमरिंदर सिंह के करीबी राणा गुरजीत पंजाब सरकार में सिंचाई व बिजली विभाग संभाल रहे थे।
राणा गुरजीत बीते कुछ महीनों में करोड़ों रुपये के बालू खनन की नीलामी को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। इसकी नीलामी बीते साल मार्च में सत्ता में आई अमरिंदर सिंह सरकार ने किया था।
गुरजीत सिंह से जुड़े लोगों व उनकी कंपनी ने करोड़ों रुपये के बालू खनन के ठेके बीते साल मई में हासिल किए। इसमें से एक पहले राणा गुरजीत का रसोइया था।
आरोप है कि ये लोग सिर्फ मंत्री व उनकी कंपनियों के मुखौटे हैं और बालू खनन को बेनामी तरीकों से लिया गया है।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश जे.एस.नारंग के नेतृत्व वाले एकल आयोग ने बीते साल बालू खनन नीलामी विवाद में राणा गुरजीत को क्लीन चिट दे दिया था।
राणा के बेटे इंद्र प्रताप सिंह से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना विदेश से 100 करोड़ रुपये जुटाने के आरोपों को लेकर बीते महीने जालंधर में पूछताछ की थी। इंद्र प्रताप कंपनी का निदेशक है।
ईडी ने इससे पहले मंत्री के बेटे को मामले में सम्मन जारी किए थे।