उप्र के बजट में गांव, गरीब के लिए बहुत कुछ : योगी
लखनऊ, 16 फरवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल और उनकी टीम की जमकर सराहना करते हुए कहा कि यह बजट गांव, गरीब और नौजवानों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस बजट को तैयार करने वाली पूरी टीम बधाई की पात्र है। बजट पेश होने के बाद योगी ने मीडिया से कहा कि इस बजट में 14 हजार 341 करोड़ रुपये की नई योजनाओं का ऐलान किया गया है।
उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश का 2018-19 का शानदार बजट पेश करने के लिए मैं वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल तथा उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूं। यह बजट प्रदेश के समग्र विकास की नजीर पेश करेगा।
योगी ने कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य का सबसे बड़ा बजट पेश किया गया है। यह पिछली बार के बजट की तुलना में 11़ 4 फीसदी ज्यादा है। यह बजट प्रदेश के समग्र विकास का ध्यान रखते हुए पेश किया गया है। इसमें शिक्षा के लिए काफी पैसा दिया गया है। इस बजट में बेसिक के साथ माध्यमिक, उच्च व तकनीकी शिक्षा के लिए काफी धन आवंटित किया गया है।
योगी ने कहा कि इस बार भी वित्तीय अनुशासन को बनाए रखते हुए प्रदेश के किसान, नौजवान, महिला तथा गांवों को ध्यान में रख कर समग्र रूप से बहुत अच्छा पेश किया गया है। अब सरकार इसी उम्मीद के साथ प्रदेश के विकास में लग जाएगी। इस बार कृषि और उससे संबद्ध क्रियाकलाप के लिए 8403़ 40 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जो पिछली बार की तुलना में 17़ 5 फीसदी ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि बजट किसानों और विकास को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। किसानों की मुश्किलों को कम करने वाली कई योजनाओं के लिए धन आवंटित किया गया है।
योगी ने कहा कि बजट में सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के लिए प्रावधान किए गए हैं। प्रदेश में सिंचाई की परियोजना के साथ बुंदेलखंड की आठ जरूरी सिंचाई परियोजना बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी की अच्छी व्यवस्था के लिए 10938़ 19 करोड़ रुपये का बजट है, जो पिछली बार की तुलना में 54 फीसदी ज्यादा है।
उन्होंने कहा, मुसहर जाति के लोगों के लिए और ऐसे लोगों के लिए, जिनके नाम पर आज तक जमीन का कोई पट्टा नहीं हुआ है, हमने मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हमने 1556 ऐसे गांव चिह्न्ति किए हैं, जहां योजना पहुंचेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अच्छी सड़कें बनाने और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 17615़ 29 करोड़ रुपये का बजट है, जो पिछले साल की तुलना में 22 फीसदी ज्यादा है। सरकारी कार्यालयों को ई-ऑफिस से जोड़ने के लिए हमने 22 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इस योजना से 22 विभाग पहले ही जुड़ चुके हैं, बाकी विभाग भी जल्द ही जुड़ेंगे।