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यूपी बजट 2018 : गांवों, गरीबों और किसानों के लिए खोला खजाना, युवाओं को भी रिझाया

लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार ने आज 2018-19 का बजट पेश किया। योगी सरकार का यह दूसरा बजट है। प्रदेशसरकार ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं के लिए रोजगार से लेकर किसानों के लिए भी कई बड़े ऐलान किए हैं। खास बात यह है कि सरकार ने अपने इस बजट में युवाओं को पूरी तवज्जो दी है।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये का बजट विधानसभा में पेश किया। सरकार ने बजट में 14 हजार करोड़ रुपये की नई योजनाओं की घोषणा की है।

विधानसभा में शुक्रवार को वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया। यह बजट पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 11.4 प्रतिशत अधिक है।  अग्रवाल ने बजट पेश करते हुए कहा, “बजट में गांव, गरीब एवं किसानों का भरपूर ख्याल रखा गया है। वर्ष 2018-19 के वित्तीय बजट में 44 हजार 53 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान है।”

वित्त मंत्री ने कहा, “बुंदेलखंड में खेत तालाब योजना के तहत 5,000 तालाबों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। सोलर फोटो वोल्टाइक इरीगेशन पंपों की स्थापना के लिए 131 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है।”

तो वहीँ, राज्य सरकार ने किसानों के लिए खजाना खोल दिया है। सरकार ने 100 करोड़ उवर्रक के अग्रिम भंडारण और किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

इसके अलावा सरयू नहर परियोजना के लिए एक हजार 614 करोड़ रुपये दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा है कि कृषि पशुधन और विकास पर फोकस करेगी। प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 31 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की व्यवस्था की गई है।

यूपी के बजट 2018-19 में युवाओं के लिए स्वरोजगार और प्रदेश में उद्योगों के लिए माहौल बनाने पर विशेष बल दिया गया है। इसके तहत 250 करोड़ के स्टार्टअप फण्ड, दीन दयाल ग्रामोद्योग योजना के लिए 10 करोड़, खादी मार्केटिंग के लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा यूपी हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स ऐंड गारमेंट नीति -2017 हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

बता दें कि, योगी सरकार ने 11 जुलाई 2017 मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया था। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने सदन में 3.84 लाख करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया जो यूपी के लिए सबसे बड़ा बजट था।

सरकार ने लगभग सभी वर्गों और योजनाओं का ध्यान रखते हुए, अगले पांच सालों में प्रदेश की विकास दर को 10 फीसदी करने का लक्ष्य तय किया था। साथ ही 55,781 करोड़ रुपये की नई योजनाओं को भी बजट में शामिल किया गया था। किसान कर्ज माफी के लिए 36 हजार करोड़ का प्रावधान था।

 

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