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पीएनबी एमडी ने कहा, घपले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)| देश में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की मुंबई स्थित एक शाखा में 1.8 अरब डॉलर घपला उजागर होने पर गुरुवार को बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील मेहता ने कहा कि धोखाधड़ी में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सुनील मेहता ने आनन-फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, हम स्वच्छ बैंकिंग के लिए जाने जाते हैं। धोखाधड़ी 2011 में शुरू हुई। जैसे ही हमें पता चला, हमने तुरंत नियामकीय व कानून को लागू करने वाली एजेंसियों को इसकी जानकारी दी। इस धोखाधड़ी में शामिल किसी को भी हम नहीं बख्शेंगे।

इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पीएनबी घपले के मुख्य आरोपी अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मुंबई, सूरत और नई दिल्ली स्थित दफ्तरों, शोरूम और वर्कशॉप पर छापेमारी की।

पीएनबी प्रमुख ने कहा कि धोखाधड़ी का पता 25 जनवरी को चला और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) समेत अन्य जांच एजेंसियों को 29 जनवरी को इसकी जानकारी दे दी गई।

उन्होंने बताया कि उन्हें धोखाधड़ी में संलिप्त ग्राहकों की ओर से एक संदिग्ध ईमेल मिला, जिसमें बकाये का समाधान करने का जिक्र था। इस पर बैंक ने उनसे विवरण भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी सिर्फ एक शाखा में उजागर हुई है और इसमें अन्य शाखाओं की संलिप्तता नहीं है।

उन्होंने कहा, हमने अपनी सभी शाखाओं की जांच की है। यह मामला सिर्फ हमारी एक शाखा से संबंधित है। अन्य शाखा में ऐसा कुछ भी नहीं है।

मेहता ने मामले को संवदेनशील बताया और कहा कि बैंक ने संबंधित पक्षों से दोषियों को सामने लाने और उनपर आरोप तय करने के लिए थोड़ा समय मांगा है।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय दैनिक आधार पर मामले की जानकारी ले रहा है और दोषियों पर आरोप तय करने में पूरी मदद करेगा।

उन्होंने कहा, बैंक किसी भी समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है। हमने केवल दोषियों के खिलाफ ही शिकायत दर्ज नहीं करवाई है बल्कि अपने उन कर्मचारियों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करवाई हैं जो इसमें संलिप्त थे।

मेहता ने कहा, हम मसले का समाधान करने को लेकर आश्वस्त व प्रतिबद्ध हैं। हम अपनी जिम्मेदारियों से नहीं मुकरेंगे।

घपले की रकम की रिकवरी के बारे में मेहता ने कहा, हमने प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। ईडी भी परिसंपत्तियां जब्त कर रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि इस धनराशि से हम घपले की रकम की रिकवरी कर पाएंगे।

उन्होंने बताया, लेटर्स ऑफ अंडरटेंकिंग (एलओयू) को अब तक धन के अंतरण में नहीं बदला गया है। इसलिए यह आकस्मिक दायित्व है। इस मामले का निराकरण हम तहकीकात पूरी होने के बाद करेंगे। अगर जांच प्रक्रिया में कहा जाता है कि यह आपका दायित्व है तो हम इसे स्वीकार करेंगे।

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