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पंजाब के शीर्ष अधिकारी नियुक्ति मामले में पूर्व आदेश बरकरार

चंडीगढ़, 14 फरवरी (आईएएनएस)| पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान मुख्य सचिव के रूप में अवकाश प्राप्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुरेश कुमार की नियुक्ति के संबंध में एकल पीठ के आदेश को बुधवार को बरकरार रखा। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पिछले महीने सुरेश कुमार की नियुक्ति को खारिज करने का आदेश दिया था।

न्यायमूर्ति महेश ग्रोवर और न्यायमूर्ति राजबीर सेहरावत की खंडपीठ ने कुमार की नियुक्ति के खिलाफ याचिका दायर करने वाले व्यक्ति, कुमार और अन्य प्रतिवादियों को 17 अप्रैल को पेश होने के लिए नोटिस भेजा।

पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम मामले में एकल पीठ के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती देने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए।

सरकार की ओर से दलील दी गई कि किसी अधिकारी से मदद लेने के लिए उनकी नियुक्ति करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। दलील में यह भी कहा गया कि कुमार के पास किसी भी दस्तावेज पर आदेश देने का अधिकार नहीं था।

अदालत को बताया गया कि कुमार ने न तो कोई फैसला लिया और न ही उनके द्वारा कोई अभिलेख तैयार किया गया। सिर्फ मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए फैसलों को फाइल में दर्ज किया गया।

इस घटनाक्रम से चिंतित मुख्यमंत्री ने महाधिवक्ता अतुल नंदा को फैसले की जांच कर उसकी अपील करने को कहा।

न्यायमूर्ति राजन गुप्ता की एकल पीठ ने आदेश दिया कि अवकाश प्राप्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी द्वारा पद धारण करना संविधान के अनुच्छेद 166 (3) का उल्लंघन है इसलिए नियुक्ति को अमान्य करार दिया जाता है।

कुमार अमरिंदर सिंह के करीबी हैं और प्रदेश में उनके बाद सबसे शक्तिशाली माने जाते हैं।

कुमार 1983 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। अमरिंदर सिंह के सत्ता संभालने के तुरंत बाद 2017 के मार्च में प्रमुख पद पर उनकी नियुक्ति की गई थी। कुमार अतिरिक्त मुख्य सचिव पद से अप्रैल 2016 में अवकाश प्राप्त हुए थे। उनको अक्सर सुपर सीएम या असलियत में सीएम कहा जाता था।

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