हनीट्रैप में एक और आधिकारी के फंसने की खबर से मचा हड़कंप,सघन तलाशी जारी
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के बिछाए हनीट्रैप के जाल में एक बार फिर भारतीय आर्मी के ऑफिसर के फंसने की बात सामने आ रही है। गौरतलब हो कि कुछ दिन पूर्व भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को जासूसी के आरोप में हिरासत में ले लिया गया था।
इसके बाद अब यह ताजा मामला सामने आया है कि मध्य प्रदेश के जबलपुर में सेना मुख्यालय में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के ऑफिसर को मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारियों सघन तलाशी ली है। सेना से मिली जानकारी के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल आईएसआई के बिछाए हनीट्रैप के जाल में फंसने की बात कही जा रही है। हालांकि इस पर अभी कुछ भी कहने से आर्मी के आधिकारी बच रहे हैं और जांच की बात कही जा रही है। उधर उनको लेकर एक बात और सामने आ रही है कि आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल आर्मी बेस के वर्कशॉप में तैनात थे और कुछ वित्तीय धांधली के चलते उनकी तलाशी ली गई है। सेना ेके सूत्र बताते हैं कि यह अभी तय नहीं है कि यह अधिकारी हनीट्रैप का शिकार हुआ है। आरोपी से कड़ी पूछताछ की जा रही है और इसके बाद सच सामने आयेंगा।
इससे पूर्व भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी को जासूसी के आरोप में हिरासत में ले लिया गया था। यह अधिकारी यहां वायुसेना मुख्यालय में तैनात था। सूत्रों ने कहा था कि वायुसेना के केंद्रीय सुरक्षा एवं जांच दल ने एक नियमित जासूसी रोधी चौकसी के दौरान पाया कि अधिकारी अनधिकृत इलेक्ट्रानिक उपकरणों के जरिए अवांछित गतिविधियों में लिप्त था। यह अधिकारी ग्रुप कैप्टन के पद पर है।
सूत्र ने कहा कि यह मामला हनी ट्रैपिंग का है, और कथित तौर पर अधिकारी ने यह काम फेसबुक पर एक महिला से संपर्क में आने के बाद शुरू किया है। सूत्र ने कहा कि अधिकारी को हिरासत में ले लिया गया है और उससे आगे की पूछताछ की जा रही है। सेना के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय होने के लिए एक सख्त संहिता है, जिसके तहत सैनिकों को अपनी पहचान, पद, तैनाती और अन्य पेशेवर विवरण साझा करने पर पाबंदी है। वर्दी में तस्वीर भी लगाने पर पाबंदी है। दिसंबर 2015 में दिल्ली पुलिस ने एक बर्खास्त वायुसेना अधिकारी को पाकिस्तानी इंटर सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा समर्थित जासूसों को कथित तौर पर सूचना साझा करने के लिए गिरफ्तार किया था।