भारत का वन क्षेत्र बढ़ा : रपट
नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)
| भारत में जनसंख्या और पशुधन की आबादी के दबाव के बावजूद वर्ष 2015 और 2017 के दौरान वन क्षेत्र 0.21 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 6,778 वर्ग किलोमीटर दर्ज किया गया है। यह जानकारी सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से जारी एक रपट से मिली है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन की ओर से जारी भारत राज्य वन रपट 2017 के अनुसार, वन क्षेत्र के मामले में भारत का दर्जा दुनिया में 10वें स्थान पर है और सालाना वन क्षेत्र में बढ़ोतरी के मामले में भारत आठवें स्थान पर है।
इस द्विवार्षिक रपट के मुताबिक, देश में कुल वन क्षेत्र 7,08,273 वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 21.54 फीसदी हिस्सा है। देश में वृक्षों की आबादी वाला क्षेत्र 93,815 वर्ग किलोमीटर है, जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 2.85 फीसदी है।
मंत्री ने कहा कि यह अच्छी खबर है कि दुनिया में घटते वन क्षेत्र के विपरीत यहां वन क्षेत्र में बढ़ोतरी हो रही है।
उन्होंने कहा, वैश्विक प्रवृत्ति में कमी आ रही है, जबकि भारत में वन भूमि में बढ़ोतरी हो रही है। अच्छी बात यह है कि विश्व रैंकिंग में भारत से आगे रहने वाले नौ देशों में वन क्षेत्र के अनुपात में आबादी का घनत्व लगभग 150 है, जबकि भारत में यह 350 है। इसका मतलब यह है कि जनसंख्या और पशुधन आबादी के दबाव के बावजूद वन परिरक्षण व विस्तार के मामले में हमारा कार्य बेहतर है।
रपट के मुताबिक, देश में 2015 से करीब 1.3 अरब लोगों ने 1,243 वर्ग किलोमीटर में पेड़ लगाए हैं।
आंध्र प्रदेश कुल वन क्षेत्र व वृक्ष क्षेत्र में 2,141 वर्ग किलोमीटर के विस्तार के साथ देश में अव्वल स्थान पर है, उसके बाद कर्नाटक (1,101 वर्ग किलोमीटर) और केरल (1,043 वर्ग किलोमीटर) का स्थान है।
अत्यंत घने वन का क्षेत्र 2015 में 88,633 वर्ग किलोमीटर था, जो 2017 में बढ़कर 98,158 वर्ग किलोमीटर हो गया।