राष्ट्रीय

त्रिपुरा चुनाव : भाजपा की दावेदारी से बनामलिपुर बनी ‘हॉट सीट’

नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)| पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव-2018 का मैदान इस बार बदला-बदला सा नजर आ रहा है। पिछले चुनावों में जहां पूरा चुनाव एक पार्टी के इर्दगिर्द सिमटा नजर आया करता था, वहीं इस बार बंटा सा दिखाई पड़ रहा है। सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के लिए चुनौती बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेताओं ने सूबे में अपनी धमक बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विप्लव कुमार देव ने बनामलिपुर के समर में स्वयं उतरकर इस सीट को ‘हॉट सीट’ में तब्दील कर दिया है।

त्रिपुरा विधानसभा क्षेत्र संख्या-9 बनामलिपुर। पश्चिम त्रिपुरा लोकसभा सीट के हिस्से बनामलिपुर की स्थानीय भाषा बांग्ला है। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 40,248 है, जिसमें से महिला मतादातओं की संख्या पुरुषों से कहीं अधिक है। बनामलिपुर में जहां महिला मतदाताओं की संख्या 20,768 है, तो वहीं पुरुष मतदाताओं की संख्या 19,480 है।

बनामलिपुर विधानसभा का राग दूसरी विधानसभा सीटों से हमेशा अलग रहा है। त्रिपुरा में भले ही पिछले 25 सालों से माकपा एक छत्र राज कर रही हो, लेकिन बनामलिपुर विधानसभा इसका अपवाद रही है। माकपा यहां से अभी तक एक भी चुनाव जीतने में असफल रही है। 1977 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें, तो 1983 के बाद से अब तक सात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने यहां माकपा को धूल चटाई है और इस सीट को अपनी सबसे सुरक्षित सीटों में शुमार कर लिया है।

2003 से पिछले तीन विधानसभा चुनावों से इस क्षेत्र पर कांग्रेस नेता गोपाल चंद्र रॉय का कब्जा है। इस दफा भी गोपाल ने बनामलिपुर विधानसभा से नामांकन दाखिल किया है। पेशे से कानूनी प्राचार्य गोपाल चंद्र रॉय स्नातक हैं और चौथी बार कांग्रेस के बैनर तले चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। गोपाल पूर्व भारत सरकार में पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) भी रह चुके हैं।

हाल ही में एक एनजीओ द्वारा जारी 22 आपराधिक उम्मीदवारों की सूची में कांग्रेस के दिग्गज गोपाल चंद्र रॉय का नाम भी शामिल है।

वहीं माकपा ने बनामलिपुर विधानसभा से अमल चक्रवर्ती को अपना उम्मीदवार बनाया है। अमल माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के सचिव हैं। माकपा इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए हमेशा से जद्दोजहद करती आई है, लेकिन पार्टी को अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है।

वहीं भाजपा के विप्लव कुमार देव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि चुनाव प्रचार में पत्नी नीति देव को आगे करने को लेकर उन्हें काफी फजीहत झेलनी पड़ी है। बतौर सरकारी कर्मचारी, नीति अपने पति के लिए चुनाव प्रचार कर रही थीं। विपक्षी दलों ने उनकी शिकायत निर्वाचन आयोग से कर दी थी।

विप्लव राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं। वह आरएसएस द्वारा प्रशिक्षित पार्टी कार्यकर्ता हैं, जिनका जन्म दक्षिण त्रिपुरा के उदयपुर उपखंड में हुआ था। दिल्ली से शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने अपने जीवन का ज्यादा हिस्सा नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में बिताया है।

इस विधानसभा सीट पर भाजपा वर्ष 1993 से ही हर चुनाव में अपना उम्मीदवार उतार रही है, लेकिन इस पार्टी का मत प्रतिशत यहां लगातार शून्य ही रहा है।

इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस ने कुहेली दास सिन्हा, आम्रा बंगाली दल ने मीता साहा और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) ने शेफाली देबनाथ को चुनाव मैदान में उतारा है।

मुख्य पार्टियों और क्षेत्रीय दलों के अलावा वीरेन देवनाथ और सुव्रत भौमिक बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

बनामलिपुर सीट पर इस दफा चुनाव त्रिशंकु हो चुका है। एक तरफ जहां कांग्रेस के दिग्गज गोपाल चंद्र रॉय हैं, तो वहीं माकपा के युवा नेता अमल चक्रवर्ती बड़ा उलटफेर करने की जुगत में हैं। इसके साथ ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विप्लव को शीर्ष नेतृत्व ने यहां से खड़ा कर इस सीट को हॉट सीट में तब्दील कर दिया है।

60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा के लिए मतदान 18 फरवरी को होगा और वोटों की गिनती तीन मार्च को मेघालय और नगालैंड के साथ ही होगी।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close