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लोहिया ने ग्वालियर की महारानी के खिलाफ सफाईकर्मी को लड़ाया था चुनाव : राष्ट्रपति

ग्वालियर, 11 फरवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया को सच्चा समाज सुधारक करार देते हुए कहा कि वह देश की पीड़ित और शोषित जनता के लिए सदैव संघर्ष करते रहे, यही कारण था कि उन्होंने (लोहिया) ग्वालियर के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन महारानी के खिलाफ महिला सफाईकर्मी सुखो रानी को चुनाव लड़ाया था।

ग्वालियर के आईटीएम विश्वविद्यालय में रविवार को आयोजित राममनोहर लोहिया व्याख्यानमाला में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, डॉ. लोहिया ने अपना जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित किया, वह देश की वंचित, पीड़ित और शोषित जनता के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे। देश के कोने-कोने में जाकर समाज के अंतिम व्यक्ति को उसका सम्मान दिलाने के लिए अनवरत संघर्ष करते रहे।

उन्होंने आगे कहा कि लोहिया के पीड़ित और शोषितों के लिए किए गए संघर्ष के कारण ही ग्वालियर का नाम भी उनके साथ जुड़ा है। वर्ष 1962 के चुनाव में उन्होंने तत्कालीन महारानी के खिलाफ महिला सफाईकर्मी सुखो रानी को उम्मीदवार बनाया था। तब उन्होंने कहा था कि इस चुनाव में अगर सुखो रानी को यहां की जनता जिताती है, तो यह आर्थिक और सामाजिक क्रांति का श्रीगणेश होगा।

राष्ट्रपति ने लोहिया के कार्यो का जिक्र किया और आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को भी याद किया। लोहिया ने फूलपुर से प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उन्होंने ग्वालियर के चुनाव को फूलपुर के चुनाव से अहम बताया था। उनका मानना था कि यह चुनाव देश को एक नया संकेत देने वाला होगा।

उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि संसद से सड़क तक समाज के अंतिम व्यक्ति के हक में जनचेतना की मशाल जलाने वाले डॉ. लोहिया सामाजिक विषमताओं और शोषण की राजनीति को ही चुनौती देने के लिए ही संभवत: इस देश में जन्मे थे।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के राज्यपाल प्रो़ कप्तान सिंह सोलंकी, केंद्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह और उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री जयभान सिंह पवैया मौजूद रहे।

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