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महिला पुलिस अधिकारियों को पुरुषवादी मानसिकता छोड़ने की जरूरत : सुमो

पटना, 9 फरवरी (आईएएनएस)| बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) ने यहां शुक्रवार को कहा कि पुरुषवादी मानसिकता से महिला पुलिस अधिकारियों को भी बाहर निकलने की जरूरत है।

उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आज महिलाओं में जागृति आई है, अब वे डटकर मुकाबला कर रही हैं। पटना के वेटनरी कॉलेज के सभागार में राष्ट्रीय महिला आयोग व बिहार पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में राज्य के 40 महिला थानों के थानाध्यक्षों और अन्य अनुसंधान पदाधिकारियों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान वर्ष 2011 में राज्य के सभी 40 पुलिस जिलों में महिला पुलिस थाना खोला गया।

मोदी ने दावा करते हुए कहा कि राज्य के 700 थानों में महिलाओं के लिए शौचालय व स्नानागार का निर्माण कराया गया है तथा सोशल क्राइम पर नियंत्रण के लिए प्रत्येक जिले में एक-एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है।

बिहार में महिलाओं को पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को याद कराते हुए कहा कि सरकार का यह फैसला महिला सशक्तीकरण में मील का पत्थर साबित हुआ है।

उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रति एक लाख पर दुष्कर्म की घटनाओं का राष्ट्रीय औसत 6़3 है, जबकि बिहार में मात्र दो तथा छेड़खानी के मामलों में प्रति लाख पर राष्ट्रीय औसत 13़2, जबकि बिहार का 0़ 6 है। उन्होंने हालांकि दहेज जनित मृत्यु की दर पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि दहेज जनित मृत्यु की दर का राष्ट्रीय औसत जहां 1़ 2 है, वहीं बिहार का 2 है, जो चिंता की बात है।

उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा की घटनाएं पहले भी घटती थीं, मगर अब वह प्रतिवेदित हो रही हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि पुलिस महिलाओं से जुड़े मामले में बेहतर अनुसंधान करें, जिससे अपराधियों को सजा मिल सके।

इस मौके पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विनय कुमार, गुप्तेश्वर पांडेय और क़े एस़ द्विवेदी सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

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