राष्ट्रीय

जनसंख्या नियंत्रण को लेकर देशव्यापी महारथ यात्रा का आयोजन

8 फरवरी (आईएएनएस)| देश में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के कारण देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता और लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। देश में बहुसंख्यक हिंदू समाज की जनसंख्या तेजी से घटती जा रही है और देश का जनसांख्यिकीय अनुपात इस कदर बिगड़ गया है कि कई राज्यों में पूर्ण रूप से और कुछ राज्यों में क्षेत्रीय स्तर पर हिन्दूअल्पसंख्यक हो चुके हैं। 1947 में देश का बंटवारा धर्म के आधार पर ही हुआ था। हालांकि करोड़ों लोगों की लाशें बिछाकर हुए विभाजन के बावजूद भारत धर्मनिरपेक्ष ही बना रहा है। आज एक बार फिर वैसी ही चुनौती देश के सामने पैदा होती जा रही है, जहां एक और विभाजन की आशंका प्रबल हो उठी है। इसीलिए नारा दिया गया है, ‘हम दो, हमारे दो तो सबके दो।’

आबादीगत परिवर्तन की इस गंभीर चुनौती को देखते हुए देश में जनसंख्या नियंत्रण हेतु एक कठोर कानून निर्माण की गहन आवश्यकता महसूस की जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता, अखंडता और संप्रभुता से जुड़ी इस गंभीर समस्या का निदान बिना कठोर कानून बनाए संभव नहीं है। इसलिए ‘राष्ट्र निर्माण संगठन’ ने देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार, संसद और तमाम राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने के लिए ”भारत बचाओ महा रथयात्रा” के आयोजन का निर्णय किया है।

जाने माने समाजसेवी और वरिष्ठ पत्रकार व संपादक सुरेश चव्हाण के नेतृत्व में आयोजित यह महारथ यात्रा देश में पहली बार इस गंभीर मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी जनजागरण का कार्य करेगी। देश में राष्ट्रहित के किसी ऐसे मुद्दे पर किसी गैर-राजनीतिक संगठन व व्यक्ति द्वारा आयोजित यह पहली और ऐतिहासिक यात्रा है, जो 18 फरवरी 2018 को जम्मू से शुरू होगी और देश के सभी प्रमुख राज्यों से गुजरती हुई करीब 20,000 किलोमीटर की दूरी तय कर 22 अप्रैल 2018 को दिल्ली में संपन्न होगी।

इस महा रथयात्रा में करीब 25 करोड़ लोगों की प्रत्यक्ष सहभागिता होने का अनुमान है। यह महारथ यात्रा देश के 5,000 से ज्यादा शहरों से होकर गुजरेगी जिसमें 2 लाख से ज्यादा गांवों की सहभागिता भी होगी।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close