राष्ट्रीय

गोवा खनन पट्टे रद्द होने पर घबराने की जरूरत नहीं : पर्रिकर

पणजी, 7 फरवरी (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय के राज्य सरकार द्वारा हाल ही में 88 खनन पट्टों के नवीकरण को रद्द करने के फैसले पर शुरू में टिप्पणी से इनकार करने के बाद गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है।

पर्रिकर ने कहा कि दो तीन दिन में शीर्ष अदालत के आदेश का अध्ययन करने के बाद उनका कार्यालय आधिकारिक बयान जारी करेगा। अदालत का फैसला गोवा में लौह अयस्क खनन क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। गोवा देश का सबसे बड़ा लौह अयस्क निर्यात करने वाले राज्य है।

पार्रिकर ने कहा, घबराने की जरूरत नहीं है। हम दो तीन दिन में तय करेंगे। मैं इस मुद्दे पर कानूनी सलाह लेने का भी प्रयास कर रहा हूं। बतौर मुख्यमंत्री मैं यूं ही टिप्पणी नहीं कर सकता। यह आदेश कोई कल से लागू नहीं होगा।

उन्होंने कहा, जब तक मैं उसे नहीं समझ लेता और पता नहीं लगा लेता कि वाकई में यह क्या है और आगे क्या करना चाहिए तब तक मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। फैसले में जहां तक मैंने समझा है कि अदालत ने भी कहा है कि जरूरी नहीं कि नीलामी हो। मुझे लगता है कि यह आदेश में कहीं न कहीं कहा गया है।

पर्रिकर ने कहा, इसका मतलब है कि विभिन्न संभावनाएं बरकरार हैं लेकिन पहले मैं इसे पूरी तरह से पढ़ लूं।

इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने गोवा में सभी लौह अयस्क खननों के पट्टों को रद्द कर दिया था और आदेश दिया था कि नई पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करने के बाद पट्टों को नीलामी के जरिए नया लाइसेंस दिया जाना चाहिए।

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