खेल

उभरती नाविक हर्षिता का ध्यान एशियाई खेलों के ट्रायल पर

पुडुचेरी, 5 फरवरी (आईएएनएस)| भारत में नौका दौड़ का कोई पुराना इतिहास नहीं है लेकिन जब हम हाल ही में चार दिवसीय सलाम इंडिया अंतर्राष्ट्रीय नौका दौड़ में लेजर 4.7 श्रेणी खिताब हासिल करने वाली हर्षिता तोमर का नाम सुनते हैं तो महसूस होता है कि देश को नौका दौड़ में एक होनहार लोन रेंजर मिलने वाला है।

सोलह वर्षीय हर्षिता ने हालिया ‘सेलिंग द ईस्ट कोस्ट’ कार्यक्रम के शुरुआती दौर में खराब शुरुआत के बाद वापसी की। खुद को प्रतियोगिता से बाहर समझकर अपनी श्रेणी में खिताब पाने के लिए उन्होंने लगातार सेटों में अच्छा प्रदर्शन किया।

नौका दौड़ सम्पन्न होने के बाद हर्षिता का ध्यान अब अगस्त में जकार्ता में होने वाले एशियाई खेलों में शामिल होने पर है लेकिन इसके लिए उन्हें ट्रायल से गुजरना होगा।

हर्षिता ने आईएएनएस को बताया, मेरा पूरा ध्यान अब एशियाई खेलों में शामिल होकर देश को सम्मान दिलाने पर है। ट्रायल की तारीख अभी नहीं आई है लेकिन यह संभवत: अगले दो महीनों में हो जाएगा।

उन्होंने कहा, मेरा ध्यान एशियाई खेलों में शामिल होने पर है, जिसके लिए मैं पिछले चार वर्ष से प्रतीक्षा कर रही हूं। मेरी श्रेणी लेजर 4.7 में बहुत प्रतिस्पर्धा है और विशेष रूप से भोपाल, चेन्नई और पुणे से कुछ अच्छे खिलाड़ी आते हैं।

अन्य देशों के प्रतिद्वंदियों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि एशियाई देशों में सिंगापुर और चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलेगी। चीन के पास न केवल प्रतियोगिताओं के लिए तैयार नाविक हैं बल्कि उसके पास जो रिजर्व चालक हैं, वे भी काफी अच्छे हैं।

खेल जीवन पर प्रकाश डालने की बात पर उन्होंने कहा कि खेल जीवन में उनका पदार्पण तैराक के रूप में हुआ था।

उन्होंने कहा, नौका दौड़ में मैं चार वर्ष पहले आई। इससे पहले मैं बचपन से तैराक थी और मध्य प्रदेश में विभिन्न राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में शामिल हो चुकी थी। मध्य प्रदेश में प्रत्येक व्यवस्था में युवा प्रतिभाओं को उनके कौशल, स्वास्थ्य और क्षमता के आधार पर खोजने की नीति चलती है।

नौका दौड़ के लिए उनका चयन स्पोर्ट्स एंड यूथ वेलफेयर निदेशालय खेल अकादमी में आने पर हुआ।

उन्होंने कहा कि नौका दौड़ एक खेल है जो पूरी तरह बादल और हवा की स्थिति पर आधारित है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सबसे ज्यादा चेन्नई के समुद्र में फिर आंध्र प्रदेश के कृष्णापट्टम के सागर में अभ्यास किया। पिछले वर्ष कृष्णापट्टम में प्रतियोगिता में उन्होंने प्रथम स्थान हासिल किया था।

पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी और वर्तमान में फ्रांस के कोच फेलिक्स प्रुवोट ने हर्षिता की प्रशंसा करते हुए कहा था कि वे हर्षिता से बहुत प्रभावित हुए और उनमें बेहतर भविष्य देखते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि उसे मानसिक पहलू पर और काम करना है।

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