अच्छा हो या बुरा हमेशा दिल पर नहीं लेती : सानिया मिर्जा
मुंबई। भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा का कहना है कि बायोपिक फिल्म को लेकर एक निजी शख्सियत होने के नाते वह अपने जीवन के बारे में बात करने के लिए समय लेंगी।
सानिया से जब पूछा गया कि क्या वह बड़े पर्दे पर अपनी जिंदगी के सफर को देखने में सहज हैं तो उन्होंने बताया, इस बारे में काफी बातें हो रही हैं, लेकिन फिलहाल कुछ भी तय नहीं है, लेकिन जब ऐसा होगा..एक निजी शख्स होने के नाते मुझे अपने और अपने जीवन के बारे में खुलकर बात करने में थोड़ा समय लगेगा।
करण जौहर के चैट शो में निर्देशक रोहित शेट्टी ने सानिया मिर्जा के ऊपर फिल्म बनाने में दिलचस्पी दिखाई थी। पद्म भूषण से नवाजी जा चुकीं सानिया ने इस बारे में कहा, मैंने कुछ लोगों को यह बात करते देखा और सुना है कि वे मेरे जीवन पर एक फिल्म बनाना चाहते हैं, लेकिन फिलहाल कुछ भी तय नहीं है। उन लोगों के साथ हमारी बातचीत चल रही है।
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित की जा चुकीं सानिया से जब पूछा गया कि पर्दे पर कौन उनके किरदार को अच्छे से निभा सकता है तो उन्होंने कहा, जहां तक मेरे किरदार को निभाने का सवाल है, मुझे लगता है कि यह कई चीजों पर निर्भर है क्योंकि देश में कई बेहतरीन अभिनेत्रियां हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि उनमें से अधिकतर किरदार के साथ न्याय कर सकती हैं और किरदार को वास्तव में अच्छे से निभा सकती हैं, तो हमें बस इंतजार करना होगा और देखना होगा।
कई खिलाड़ियों पर फिल्में बन चुकी हैं और बन रही हैं। हालिया उदाहरण बैंडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल के ऊपर बन रही फिल्म है। अमोल गुप्ते की इस फिल्म में अभिनेत्री श्रद्धा कपूर नजर आएंगा।
सानिया ने लैक्मे फैशन वीक (एलएफडब्ल्यू) समर/रिजॉर्ट-2018 के चौथे दिन डिजाइनर अनुश्री रेड्डी के लिए रैंप वॉक किया। डिजाइनर ने पिंक ‘द नेवी ब्लू ऑफ इंडिया’ नाम का ब्राइडल परिधान संग्रह पेश किया।
सानिया को कई लोग बेहतर ड्रेस पहनने वाली खिलाड़ी मानते हैं. इस बारे में सानिया का कहना है कि वह बस वहीं ड्रेस पहनती हैं, जिसमें सहज महसूस करती हैं। उनके लिए यह बात बहुत मायने रखती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या आलोचनाओं से वह परेशान होती है, तो उन्होंने कहा, हमेशा नहीं, लेकिन हम कुछ स्तरों पर सचेत रहते हैं और कई सोशल मीडिया वेबसाइट हैं, जिन पर हम हर दिन जो पहनते हैं उस बारे में बहुत कुछ कहा जाता है। मैं उन्हें कभी-कभी पढ़ती हूं, लेकिन चाहे अच्छा हो या बुरा हो हमेशा दिल पर नहीं लेती।