अनुसंधान के लिए 1 लाख करोड़, बी. टेक छात्रों के लिए प्रधानमंत्री फेलोशिप : जेटली
नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)| अगले चार सालों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देशय से एक लाख करोड़ रुपये देने की बड़ी पहल, जनजातीय बहुल इलाकों में एकलव्य मॉडल बोर्डिग स्कूल और बी.टेक छात्रों के लिए प्रधानमंत्री फेलोशिप योजनाएं वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा गुरुवार को प्रस्तुत बजट प्रस्ताव में शिक्षा क्षेत्र की अहम बातें रही।
जेटली ने बजट के दौरान घोषणा की, स्वास्थ्य संस्थानों समेत प्रमुख संस्थानों के बुनियादी ढांचे और अनुसंधान से संबंधित निवेश के लिए, मैं अगले चार साल में कुल एक लाख करोड़ रुपये के साथ 2022 तक शिक्षा क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्च र और प्रणाली (राइस) के पुनर्जीवित करने के लिए बड़ी पहल का प्रस्ताव रखता हूं। इस पहल के लिए उच्च शिक्षा अनुदान एजेंसी (एचईएफए) उपयुक्त रूप से वित्तपोषण करेगी।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फेलोशिप योजना की भी घोषणा की, जिसके तहत एक हजार बी.टेक छात्रों को आइईआईटी और आईआईएससी में पीएचडी करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
जेटली ने कहा, सरकार ने इस साल प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलो योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, हम हर साल प्रमुख संस्थानों के एक हजार सर्वश्रेष्ठ बी.टेक विद्यार्थियों की पहचान करेंगे और उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय विज्ञान संस्थान में पीएचडी करने की सुविधा प्रदान करेंगे। छात्रों को एक अच्छी फेलोशिप रकम भी प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा, सरकार ने वडोदरा में विशेषीकृत रेलवे विश्वविद्यालय और नियोजन व वास्तुकला के दो नए स्कूल खोलने के लिए भी कदम उठाए हैं।
मंत्री ने कहा, इसके अतिरिक्त, नियोजन व वास्तुकला के 18 स्कूल आईआईटी और एनआईटी में बतौर स्वतंत्र स्कूल के रूप में खोले जाएंगे।
उन्होंने कहा, शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता अभी भी एक चिंता का विषय है। और उन्होंने पिछले सालों में कुछ पहलों के जरिए शिक्षण गुणवत्ता में सुधारों को सूचीबद्ध किया। उसमें शिक्षा के अधिकार अधिनियम में संशोधन कर शिक्षकों के प्रशिक्षण जैसा नियम लाया गया।
जेटली ने कहा, हमने बच्चों को स्कूल जाने के लिए तैयार किया लेकिन स्कूलों की गुणवत्ता अभी भी चिंता का कारण है। अब हम शिक्षा को समग्र रूप से बिना विभाजन के प्री-नर्सरी से 12वीं कक्षा तक प्रस्तावित करने जा रहे हैं। शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार ही देश में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बना सकता है। हमने शिक्षकों के लिए बी.एड कार्यक्रम अनिवार्य करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा, सर्वेक्षण के दौरान शिक्षकों के प्रशिक्षण की हालत काफी खराब थी। 13 लाख से ज्यादा अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया.इसके लिए आरटीई में संशोधन किया गया।
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार शिक्षा में डिजिटल तीव्रता बढ़ाने और ब्लैकबोर्ड की जगह धीरे-धीरे डिजिटल बोर्ड लाने पर विचार कर रही है।
उन्होंने बजट भाषण में 2022 तक हर ब्लॉक में एकलव्य मॉडल रिहायशी स्कूल खोलने की बात कही। इसमें 50 फीसदी से ज्यादा जनजातीय आबादी होगी। कम से कम 20 हजार जनजातीय लोगों पर एक एकलव्य मॉडल रिहायशी स्कूल होगा।
जनजातीय मामालों के मंत्रालय ने अपनी साल की अंतिम रिपोर्ट में कहा था, इस योजना के तहत, इस साल दिसंबर अंत तक कुल 190 स्कूल खोल दिए जाएंगे।