नई दिल्ली। भारतीय वेतनभोगियों को राहत देते हुए सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत नए कर्मचारियों के खातों में 12 फीसदी का योगदान किया जाएगा। यह घोषणा केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संसद में 2018-19 का बजट पेश करते हुए की, जो 2019 की पहली छमाही में होने वाले आम चुनाव से पहले मौजूदा सरकार द्वारा पेश किया गया आखिरी बजट है।
जेटली ने कहा, सरकार ने सभी क्षेत्रों के नए कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में 12 प्रतिशत का योगदान करने का निर्णय लिया है।
ईपीएफओ में 1.16 फीसदी के मौजूदा योगदान के साथ सरकार पर अब लगभग 6,750 करोड़ रुपये का सालाना अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वर्तमान में ईपीएफ जमा पर मौजूदा ब्याज दर 8.65 फीसदी है, जो वित्त वर्ष 2015-16 में 8.8 फीसदी थी।