स्लम सॉकर ने जीता लैंगिक विविधता पुरस्कार
नागपुर, 29 जनवरी (आईएएनएस)| स्लम सॉकर ने दिल्ली में बीते सप्ताह आयोजित इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑफ फुटबाल बिजनेस-‘फिक्की गोल’ के पांचवें संस्करण में लैंगिक विविधता पुरस्कार (जेंडर डाइवर्सिटी अवार्ड) जीता। इस सम्मेलन का आयोजन अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने किया था।
फिक्की ने भारत में फुटबाल के माध्यम से जेंडर डाइवर्सिटी (लैंगिंक विविधता) को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने वाली संस्थाओं की पहचान करने और उनका सम्मान करने के लिए इस पुरस्कार की स्थापना की है।
स्लम सॉकर लोगों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए फुटबाल का सहारा लेता है। वह अपने कार्यक्रमों के माध्यम से जीवन जीने की कला सिखाता है और महिलाओं की दशा सुधारने की दिशा में काम करता है। साथ ही उसका मकसद सुविधाओं से वंचित भारतयी समाज को मजबूती प्रदान करना भी है।
साल 2001 में शुरू की गई इस संस्था ने देश भर में लड़के और लड़कियों, महिला एवं पुरुषों के साथ मिलकर काम किया है। यह मुख्य रूप से लैंगिक मुद्दों को बढ़ावा देता है।
स्लम सॉकर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर अभिजीत बर्से ने भारत सरकार के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर तथा खेल सचिव राहुल भटनागर के हाथों यह पुरस्कार ग्रहण किया।
बर्से ने कहा, यह पुरस्कार उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने स्लम सॉकर को एक सच्चाई के रूप में स्थापित किया है। मेरे पिता विजय बार्से का एक सपना आज हजारों लोग साझा कर रहे हैं। यह पुरस्कार इन्हीं लोगों की मेहनत और प्रयासों का नतीजा है और यह हमारे भविष्य के कार्यक्रमों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। यह पुरस्कार यह भी संदेश देता है कि फुटबाल के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने के अपने लक्ष्य की ओर हम सही दिशा में अग्रसर हैं।
फिक्की और एआईएफएफ ने साल 2013 में भारतीय फुटबॉल उद्योग के विकास का समर्थन करने और खेल के बारे में रणनीतिक वार्ता को बढ़ावा देने के मकसद से फिक्की गोल की शुरुआत हुई थी। इस शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर फुटबाल से संबंधित विभिन्न नीति स्तर के संवाद हुए और फुटबाल तथा व्यवसाय के रूप में अंडर-17 विश्व कप के प्रभाव पर चर्चा हुई।